नई दिल्ली। अब आप हवाई जहाज में यात्रा करने के दौरान भी मोबाइल पर बात करने के साथ इंटरनेट इस्तेमाल कर सकेंगे। कानून मंत्रालय ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी पर दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों को मंजूरी प्रदान कर दी है। विभाग की ओर से जल्द ही इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद एयरलाइंस कंपनी देश भर में इस सेवा को शुरू करेंगी। बता दें कि इस सेवा को शुरू करने से जुड़े दिशा-निर्देशों में जरूरी संशोधन करने के बाद कानून मंत्रालय से मसौदे की मंजूरी प्रदान कर दी है।
गौरतलब है कि कानून मंत्रालय और दूर संचार विभाग की मंजूरी बाद कई एयरलाइंस ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवा देने की तैयारी कर ली है, खासकर स्पाइस जेट ने। स्पाइस जेट के 737 मैक्स विमान में यात्रा करने वाले यात्री जल्द ही मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि दूरसंचार विभाग द्वारा हवाई यात्रा में दूरसंचार सेवाएं देने से जुड़े दिशा-निर्देश करीब 1 महीने से अटका पड़ा था लेकिन अब इसे मंजूरी दे दी गई है।
ये भी पढ़ें - अब मंदिर निर्माण नहीं हुआ तो भाजपा से लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा- स्वामी रामदेव
यहां बता दें कि एयर इंडिया के अलावा दूसरी विमान कंपनी ये सेवा देने की तैयारी शुरू कर दी है। गौर करने वाली बात है कि इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवा देने के लिए दूर संचार विभाग से लाईसेंस लेना होगा। दूर संचार विभाग का कहना है कि इस सेवा के शुरू होने से एयरलाइंस कंपनियों को आय का नया जरिया मिलेगा। बता दें कि जेट ब्लू, कतर एयरबेज, टर्की एयरलाइंस हवा में इंटरनेट की सुविधा देते हैं।
फिलहाल इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सर्विस के तहत यात्री सिर्फ इंटरनेट का ही इस्तेमाल कर सकेंगे। मोबाइल से बात शुरू करने की प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है। बड़ी बात यह है कि इस सेवा के लिए सुरक्षा के मद्देनजर भारत की सेटेलाइट का ही प्रयोग किया जाएगा। यह नियम ट्राई की उस सिफारिश के खिलाफ है जिसमें इस सेवा को मुहैया कराने में विदेशी सेटेलाइट और गेटवे के इस्तेमाल करने की बात कही गई थी। दूरसंचार आयोग ने विदेशी सेटेलाइट के प्रयोग को अस्वीकार कर दिया है।