नई दिल्ली। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देश में चुनाव से पहले अचार संहिता लागू होती है। इसके तहत राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार आचार संहिता के दौरान प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जनता प्रभावित नहीं कर सकते हैं। कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कई तरह की पाबंदी लगाई जाती है। दरअसल मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आचार संहिता लागू की जाती है। मतदाता स्वतंत्र रूप से मतदान करें इसलिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए जाते हैं। भारत में भी चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने पर कायदे-कानून का सख्ती से पालन किया जाता है। सख्ती पाकिस्तान में भी होती है पर व्यवस्था कुछ अलग और दिलचस्प तरह की है।
वोट के बारे में पूछना जुर्म
पाकिस्तान में आगामी 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं। पाकिस्तान में चुनाव आचार संहिता के दौरान अगर कोई व्यक्ति किसी से ये पूछ लेते है कि आपने किसको वोट दिया तो यह अपराध की श्रेणी में आंएगा। इसके लिए 3 साल की सजा हो सकती है या 1 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
बैलेट पेपर का फोटो लेना है अपराध
बैलेट पेपर का फोटो लेना भी अपराध माना जाता है। इसके लिए भी सजा का प्रावधान है। मतदान केंद्र 400 मीटर के दायरे में किसी मतदाता को किसी पार्टी के कार्यकर्ता वोट डालने के लिए बोलते हैं तो ये भी अपराध की श्रेणी में आएगा।
जीत पर फायरिंग गुनाह
आचार संहिता के दौरान पार्टी के कार्यकर्ता या उम्म्ीदवार जीत की खुशी में रैली निकालते हैं और उसमें फायरिंग होती है तो उसे भी अपराध माना जाता है। किसी पुरुष, महिला, किन्नर को पार्टी का उम्मीदवार बनने से अगर कोई रोकता है तो इसे गुनाह माना जाएगा।
भारत से मिलते हैं कई नियम
भारत की तरह पाकिस्तान में भी किसी मतदाता को मतदान केंद्र से भगाने, धमकी देने, नुकसान पहंुचने, बहलाने, फुसलाने, अपहरण या अवैध तरीके से प्रभावित करने को अपराध माना जाता है। मतपत्र और सरकारी मुहर बर्बाद करना भी जुर्म माना जाता है।