Saturday, April 20, 2024

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पाकिस्तान की जनता पर टूटा टैक्स का 'कहर' , इमरान सरकार ने जनता पर लगाए भारी टैक्स

अंग्वाल न्यूज डेस्क
पाकिस्तान की जनता पर टूटा टैक्स का

नई दिल्ली । पाकिस्तान की ढेर होती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लोगों को टैक्स भरने के लिए कहने के साथ कालेधन पर नकेल कसने की कवायद करते दिख रहे हैं। इस सब के बीच पाकिस्तान सरकार ने अपने बजट में कई नए तरह के टैक्स लगाए हैं । इस दौरान इमरान सरकार ने कई ऐसी सख्त नीतियां बनाई हैं , जिनसे ना केवल महंगाई बढ़ेगी बल्कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी सुस्त रहने वाली है । इतना ही नहीं सरकार ने राजस्व के लक्ष्य में भी भारी वृद्धि की है , जिससे लोगों पर टैक्स का भारी बोझ पड़ने वाला है । ऐसे में पाकिस्तानियों के लिए आने वाला वक्त बहुत ही चुनौतीपूर्ण और मुश्किलों भरा रहने वाला है ।

राजस्व के लक्ष्य 30 फीसदी ज्यादा

असल में पाकिस्तानी संसद में मंगलवार को वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 5.55 ट्रिलियन रुपए (36.5 अरब डॉलर) कर राजस्व का बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य घोषित किया जो पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा है । पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वित्त मंत्री हमाद अजहर ने कहा, हमारा मुख्य लक्ष्य टैक्स कलेक्शन बढ़ाना है। मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की 21 करोड़ की आबादी में सिर्फ 20 लाख लोग ही आयकर रिटर्न भरते हैं ।  उन्होंने कहा कि नए पाकिस्तान में हमें आगे बढ़ने के लिए कर सुधार करने होंगे ।

अधिकतम इनकम टैक्स स्लैब में 10 फीसदी वृद्धि

इमरान सरकार पहले से देश में इनकम टैक्स न देने वालों की समस्या से जूझ रही है, इस बीच सरकार ने वर्तमान में आयकर की अधिकतम दर को 10 फीसदी की वृद्धि के साथ 35 फीसदी कर दिया है ।  इसके अलावा, टैक्स स्लैब को भी बढ़ा दिया गया है जिसके तहत अब सैलरीड क्लास को 50,000 मासिक आय और नॉन सैलरीड क्लास को 33,333 रुपये की मासिक आय पर टैक्स चुकाना पड़ेगा । आयकर के दम पर ही सरकार ने आने वाले वित्तीय वर्ष में करीब 258 अरब रुपये का अतिरिक्त राजस्व बढ़ाने का लक्ष्य रखा है ।

IMF बजट नहीं चाहिए के दिखे बैनर


जिस दौरान पाकिस्तान वित्तमंत्री अजहर ने अपना भाषण खत्म किया उस दौरान विपक्षी दल के नेता 'IMF बजट नहीं चाहिए' जैसे बैनर लेकर बजट का विरोध करने लगे । बता दें कि इस वर्ष पाकिस्तान की जीडीपी का आकार निर्धारित 6.2 फीसदी के बजाय केवल 3.3 फीसदी ही बढ़ा ।  जून 2020 तक के वित्तीय वर्ष में उन्होंने वित्तीय घाटा 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है ।

कल्याणकारी योजनाएं रोकनी पड़ी

बता दें कि पिछले साल सरकार के पास विकास के लिए पर्याप्त धन न होने के चलते सरकार को कल्याणकारी योजनाओं के लिए बहुत हाथ खींचते हुए धन खर्च करना पड़ा । पाकिस्तान की सरकार ने पहले ही गैस और बिजली की दरें बढ़ा दी हैं और मोबाइल फोन के स्क्रैच कार्ड पर भी टैक्स लगा दिया है ।

मेरा खुद का गुजारा नहीं हो रहा - इमरान खान

विदित हो कि संसद में बजट पेश होने के पहले मंगलवार रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए इमरान खान ने देश की जनता से एक भावुक अपील की थी। इस दौरान इमरान ने देशवासियों से 'कुर्बानी' देने की अपील करते हुए कहा, "मैं अपना सारा खर्चा खुद उठाता हूं, इसमें मेरे परिवार का गुजारा नहीं होता । मैं अपने मुल्क के लिए कुर्बानी दे रहा हूं क्योंकि मेरा मुल्क मुश्किल में है । पहली बार हमारी सरकार ने अपना खर्च 50 अरब रुपए तक कम किया है ।  हमने सांसदों, कैबिनेट सबके वेतन में 10 फीसदी तक कटौती की है । हम सब मिलकर कुर्बानी देंगे और मुल्क को मुश्किल से निकाल लेंगे।

 

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