चेन्नईः तमिलनाडु के नए सीएम ईके पलनीसामी की तकदीर का फैसला शनिवार को होगा जब वह विधानसभा में विश्वासमत हासिल करेंगे। इसके लिए पलानीसामी विधानसभा पहुंच गए हैं। अगर अंतिम समय में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो अन्नाद्रमुक की नई सरकार बहुमत साबित करने में कामयाब रहेगी। शह और मात के इस खेल में लगभग हार चुके ओ. पन्नीरसेल्वम को शुक्रवार को एक आस जगी जब विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी आर नटराज ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेंगे। नटराज के इस कदम से 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पलनीस्वामी के कथित समर्थक विधायकों की संख्या कम हो कर 123 रह गई है। अन्नाद्रमुक ने वरिष्ठ पार्टी नेता केए सेनगोट्टायन को सदन में पार्टी का नेता चुना है।
234 में 118 का साथ चाहिए
तमिलनाडु विधानसभा में पिछले 30 साल में यह पहला मौका है जब सरकार इस तरह से सदन में बहुमत साबित करेगी। 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक के विधायकों की संख्या 134 है। इनमें से 123 विधायकों को पलनीस्वामी खेमे का माना जा रहा है। सदन में द्रमुक के 89 और कांग्रेस के 8 विधायक हैं। पलनीस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए 118 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। ऐसे में पनीरसेल्वम गुट का मानना है कि अगर अंतिम समय में 6-7 विधायक भी पाला बदल लेते हैं तो समीकरण बदल जाएगा।
द्रमुक खिलाफ वोट करेगी
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी शनिवार को पलानीसामी सरकार के विश्वासमत के खिलाफ मतदान करेगी। विश्वासमत को लेकर कांग्रेस ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है। तमिलनाडु कांग्रेस समिति के प्रमुख सू थिरूनावुक्करासर ने कहा कि पार्टी आला कमान की सलाह के बाद वोटिंग पर शनिवार को ही फैसला किया जाएगा। तमिलनाडु में द्रमुक के 89 जबकि कांग्रेस के 8 विधायक हैं।
पन्नीर की विधायकों से अपील
सीएम की कुर्सी के संघर्ष में पहली लड़ाई हार चुके पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम हर हाल में अंतिम बाजी जीतना चाहते हैं। ऐसे में उन्होंने प्रदेश के सभी विधायकों से अपील की है कि वे पलनीसामी के विश्वासमत के खिलाफ मतदान करें। पन्नीरसेल्वम का मानना है कि उनके समर्थक 11 विधायकों के अलावा कई और विधायक विश्वासमत का खिलाफ वोट करेंगे।