दभोई (गुजरात) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करते हुए इसे देश को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस परियोजना को रोकने के लिए कई षयडंत्र हुए, लेकिन हमने अपने पसीने से इस बांध का निर्माण कर लिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक समय इस परियोजना को फंड देने के लिए विश्व बैंक ने भी मना कर दिया था। उस दौरान गुजरात के मंदिरों से भी इस बांध को बनाने के लिए पैसा दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि यह किसी सरकार का या संगठन की सफलता नहीं बल्कि देश के लोगों की एक इच्छाशक्ति का परिणाम है। इस प्रयास के चलते सीमा पर तैनात जवानों तक हमने पानी पहुंचा दिया है।
इस दौरान पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि एक समय सीमा के जवान बिना पानी के खड़े थे। उन्हें पानी के लिए खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। पिछले कई सालों से पानी एक बड़ा संकट था। महिलाएं कई-कई मील तक जाती थी सिर्फ कुछ बूंदें पानी के लिए। इस दौरान छोटी छोटी बच्चियां भी अपनी मां की मदद के लिए आगे आती थीं, अपनी पढ़ाई छोड़कर, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हमने उन लोगों तक पानी पहुंचाया है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस बांध की मदद से अब नर्मदा का पानी महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान के लोगों का जलसंकट दूर होगा। हालांकि कई लोगों ने इस बांंध को लेकर हम पर तरह तरह के आरोप लगाए लेकिन हमने अपनी इच्छाशक्ति से लोगों को राहत देने के लिए इस बांध को बनाने का का पूरा किया। इससे भारत के संतुलित विकास की गति बढ़ेगी। इससे जहां पश्चिम को पानी मिलेगा वहीं पूर्व को बिजली मिलेगी। इससे बाड़मेर की धरती को पानी मिलेगा। नर्मदा के पानी से भारत के विकास की नई गाथा लिखी जाएगी।