Friday, April 19, 2024

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मोदी सरकार का मुस्लिम समाज को संदेश- अब तुष्टिकरण नहीं मुस्लिम सशक्तिकरण पर होगा काम, 30 दिन में लिए 3 बड़े फैसले 

दीपक गौड़
मोदी सरकार का मुस्लिम समाज को संदेश- अब तुष्टिकरण नहीं मुस्लिम सशक्तिकरण पर होगा काम, 30 दिन में लिए 3 बड़े फैसले 

नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार इन दिनों देश की आम जनता के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा का कारण है मुस्लिमों को लेकर पिछले एक माह के दौरान हर 10वें दिन पर एक बड़ा फैसला लिया जाना। पूर्व में मोदी सरकार ने तीन तलाक को लेकर जहां कानून लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में चर्चा के लिए रखा, वहीं पिछले दिनों अकेले हज जाने वाली महिलाओं को बड़ा राहत दी थी। इसी क्रम में अब सरकार ने लंबे समय से मुसलमानों को मिल रही हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला किया है। ऐसे में पिछले करीब 30 दिनों में मोदी सरकार ने मुस्लमानों को लेकर तीन बड़े फैसले लिए हैं। हालांकि विपक्ष भाजपा के इस रुख को सियासी रणनीति का हिस्सा बता रहा है, लेकिन भाजपा ने इसे विकास की राजनीति करार दिया है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस साल के अंत तक 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में मोदी सरकार के मुसलमानों को लेकर उठाए जा रहे इन कदमों से जो संदेश जा रहा है, उसका सियासी लाभ पार्टी को आने वाले दिनों में होगा। मोदी सरकार ने अपने इन फैसलों से साफ संदेश दिया है कि सरकार कट्टरपंथियों के आगे नहीं झुकेगी और मुस्लिम तुष्टिकरण की राह पर नहीं चलेगी।  वो मुस्लिम तुष्टिकरण की बजाय मुस्लिम सशक्तिकरण की दिशा में काम करेगी। 

मोदी के फैसले से कई खुश तो कुछ नाराज

बता दें कि मोदी सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए कई सालों से भारतीय हाजियों की यात्रा के खर्च का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन करने की व्यवस्था को खत्म कर दिया। सीधे तौर पर कहें तो मोदी सरकार ने हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। सरकार के इस फैसले का मुसलमानों के बड़े तबके ने स्वागत किया, हालांकि कुछ लोग इससे नाराज भी हुए। 

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अकेली हज जाने वाली महिलाओं को लाभ

इसी क्रम में पिछले दिनों मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा दूसरा फैसला पुरुषों के बगैर उनके हज पर जाने का लिया। सरकार के मुताबिक, 45 साल से ज्यादा उम्र की मुस्लिम महिलाएं अब बिना पुरुष या अपने माता पिता के हज पर जा सकेंगी। इसी साल 1300 मुस्लिम महिलाएं बगैर पुरुष के हज पर जाएंगी। हालांकि कई मौलानाओं और संगठनों ने इस फैसले का विरोध किया था। उनका कहना था कि ऐसा करना गैर-इस्लामिक और शरिया के खिलाफ है।

तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाएं भाजपा के साथ

इतना ही नहीं इससे पहले मोदी सरकार ने तीन तलाक के मुद्दे पर बड़ा फैसला लेते हुए इसका एक विधेयक लोकसभा में पेश किया था, जिसे सदन ने पास कर दिया, लेकिन राज्यसभा में इस बिल में कुछ संशोधन को लेकर जारी गतिरोध के चलते यह बिल उच्च सदन में फिलहाल पास नहीं हो पाया है। लेकिन आने वाले सत्र में इस मुद्दे पर फिर से चर्चा होगी। बहरहाल, मोदी सरकार की इस मुहिम को मुस्लिम महिलाओं का भारी समर्थन मिला। मुस्लिम महिलाओं ने इस अपनी जीत करार देते हुए मोदी सरकार के प्रति अपनी आस्था जताई। इतना ही नहीं तीन तलाक के मुद्दे पर अपनी अहम भूमिका निभाने वाली कुछ मुस्लिम महिलाओं ने अपनी मुस्लिम लोगों की एक से ज्यादा शादी के मुद्दे को भी देशभर में उठाने का आह्वान कर दिया।


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उच्च सदन में लटका है विधेयक

असल में मोदी सरकार ने तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को निजात दिलाने का काम करते हुए तीन तलाक का एक बिल बनाया। तीन तलाक को जुर्म घोषित कर इसके लिए सजा तय करने संबंधी विधेयक को 15 दिसंबर को कैबिनेट की मंजूरी मिली। 28 दिसंबर को लोकसभा ने इसे पास भी कर दिया, हालांकि राज्यसभा में एनडीए का बहुमत न होने से ये विधेयक अटका हुआ है। सरकार बजट सत्र में इस विधेयक को दोबारा पास कराने की कोशिश करेगी। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम से कई मुस्लिम संगठन मोदी सरकार से नाराज दिखे, लेकिन कई संगठनों ने उनका समर्थन भी किया। ऐसे में आने वाले दिनों में मोदी सरकार की कार्यवाही का ये संदेश विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर असर डालेगा।

इन फैसलों पर गरमाई सियासत

अब भले ही पिछले एक माह के भीतर मोदी सरकार ने मुस्लिमों को लेकर तीन बड़े फैसले लिए हों, जिससे मुस्लिम समुदाय का एक तबका नाराज नजर आ रहा हो, लेकिन कई उदारवादी मुस्लिमों को मोदी सरकार के ये फैसले काफी पसंद आ रहे हैं। हालांकि इन फैसलों से सियासत गरमा गई है।

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