बीजिंग । भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद पहली बार भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस बैठक से पहले ही साफ हो गया था कि बैठक में डोकलाम विवाद पर बातचीत नहीं होगी, क्योंकि यह मुद्दा पहले ही सुलझ गया है। बैठक में दोनों की नेताओं ने एक घंटे से ज्यादा बात की, जिसमें दोनों ही देशों ने आपसी भरोसा बढ़ाने की बातों पर जोर दिया। इस दौरान दोनों ही ओर से बदलते दौर को देखते हुए दोस्ती बढ़ाने की बातों पर जोर दिया गया। इस दौरान दोनों ओर से बॉर्डर पर भी शांति बनाए रखने की बातें हुईं।
चीन के शियामेन में हो रहे तीन दिन के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आज आखिरी दिन है। सम्मेलन में आज ब्रिक्स देशों के उभरते बाज़ार पर बात होगी। वहीं भारत के लिए सबसे अहम खबर ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।
बता दें कि पीएम मोदी की तीन दिवसीय चीन यात्रा का मंगलवार को अंतिम दिन है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात उनके इस दौरे का सबसे अहम पड़ाव है क्योंकि दोनों देशों के बीच 73 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के बाद दोनों नेताओं की ये पहली द्विपक्षीय मुलाकात है। हालांकि इस द्विपक्षीय वार्ता से पहले ही चीन ने साफ कर दिया था कि इस वार्ता में डोकलाम विवाद का मुद्दा नहीं उठाया जाएगा, क्योंकि वह पहले से ही सुलझ गया है।ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के बाद चीनी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता का दौर भी खत्म हो गया है। अब ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री दोपहर बाद म्यांमार के लिए रवाना हो जाएंगे।
बता दें कि ब्रिक्स सम्मेलन में भारतीय पीएम ने चीनी राष्ट्रपति की आतंकवाद का मुद्दा न उठाए जाने की बातों को दरकिनार करते हुए पाक पोषित आतंकवाद का मुद्दा उठाया। इसी के पीएम मोदी ने ब्रिक्स को और प्रासंगिक बनाने की बात कही। इसके बाद मंगलवार सुबह चीनी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री के बीच एक द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें डोकलाम विवाद को न छेड़ते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा।