श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि रविवार को उरी में नियंत्रण रेखा के पास जिन तीन आतंकियों को ढेर किया गया है, वो घाटी में एक बड़े आत्मघाती हमले की साजिश को अंजाम देने आए थे। पुलिस महानिदेशक एस पी वायड ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा- हमने उरी में आतंकियों पर हमला करने आए आतंकियों को ढेर करने के साथ ही एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है। मारे गए आतंकी पिछले साल सेना के कैंप पर हुए हमले की तर्ज पर ही एक हमले को अंजाम देने आए थे। बता दें कि पिछले साल 18 सितंबर को, उग्रवादियों ने बाढ़ काटने के बाद उरी में ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया। घाटी में बड़े आतंकी हमलों में से एक इस आतंकी हमले में 19 सैनिकों की मौत हो गई।
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असल में रविवार सुबह, पुलिस को कलगी गांव में तीन आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली थी। ऐसे में पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने गांव को घेर लिया । अपने घिरने की जानकारी मिलने पर आतंकियों ने फायरिंग करते हुए वहां आग लगा दी। इस दौरान दोनों ओर से काफी गोलीबारी हुई, जो कई घंटों तक चली गई। बाद में गांव में छिपे तीनों आतंकियों को इस मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया।
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इस घटना के बाद पुलिस महानिदेशक एस पी वायड ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा-मारे गए आतंकियों के पास से मिले दस्तावेज काफी चौंकाने वाले हैं। ये आतंकी उरी जैसी एक और फिदायीन वारदात को अंजाम देने के मकसद से घाटी में आए थे। उरी, आतंकवादियों के लिए पसंदीदा और कम घुसपैठ मार्गों में से एक है। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच बहुत कम मुठभेड़ हुई हैं। हालांकि पुलिस ने मारे गए आतंकवादियों और उनकी संबद्धता की पहचान प्रकट नहीं की, उन्होंने कहा कि वे विदेशी नागरिक हैं। वहीं पुलिस के प्रवक्ता एसपी मनोज कुमार ने भी कहा कि उरी मुठभेड़ में मारे गए तीनों पाकिस्तानी फिदायीन आतंकवादी एक खास साजिश को अंजाम देने के मकसद से आए थे, लेकिन उनकी साजिश को विफल कर दिया गया है।
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