जोधपुर । डॉक्टरों की तुलना भगवान से की जाती है लेकिन जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में कुछ डॉक्टर एक गर्भवती महिला के लिए किसी राक्षस से कम साबित नहीं हुए। गर्भवति महिला के ऑपरेशन टेबल पर लेटे होने के दौरान अस्पताल के कुछ डॉक्टर इलाज छोड़कर आपस में लड़ने लगे। महिला टेबल पर बेहोश पड़ी थी। उन्होंने महिला के ऑपरेशन को प्राथमिकता न देते हुए एक दूसरे को सबक सिखाने की बात करने में समय बर्बाद किया। आखिरकार डॉक्टरों की इस करतूत के चलते ऑपरेशन करने में देरी हो गई और बाद में नवजात बच्ची की मौत हो गई। यह सारा वाक्या ऑपरेशन थियेरटर में मौजूद एक शख्स ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया, जो अब जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद इन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है।
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असल में उम्मेद अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला अनीता के पेट में पल रहे उसके बच्चे की धड़कने मंद पड़ गई थी, ऐसे में उसे आनन फानन में ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। अनीता और बच्चे की जान बचाने के लिए उसका तत्काल ऑपरेशन किया जाना जरूरी था। ऐसा न होने पर बच्चे के साथ अनीता की जिंदगी पर भी खतरा मंडराने लगा था। ऐसे में अस्पताल ने डॉक्टरों की एक टीम बनाई और ऑपरेशन की तैयारी हुई। अब जैसे ही एनेसथैसिया के डॉक्टर एमएल टाक ने गायनी डॉ. अशोक नैनीवाल से महिला को बेहोश करने के लिए कुछ जानकारी मांगी। नैनीवाल भड़क गए और जोर-जोर से बोलने लगे।
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इस दौनों के बीच काफी देर तक इस मुद्दे पर बहर जारी रही। दोनों डॉक्टरों के बीच जोरदार तकरार होती रही और अन्य डॉक्टर व कर्मचारी तमाशा देखते रहे। हालांकि बाद में महिला का ऑपरेशन सभी ने मिलकर किया, लेकिन नवजात बच्ची को बचाया नहीं जा सका। इस बीच किसी ने डॉक्टरों की इस तकरार का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड कर दिया, जो अब वायरल हो रहा है। वीडियो जारी होते ही हंगमा मच गया। इसके बाद देर रात राज्य सरकार ने डॉ. नैनवाल को एपीओ कर दिया। वहीं डॉ. टाक के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कार्मिक विभाग को कहा गया है।
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