नई दिल्ली। दिवालिया कानून को और सख्त बनाए जाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी के एक दिन बाद अपनी मंजूरी दी है। अब दिवालिया कंपनियों के प्रमोटरों की मुश्किल बढ़ने वाली हैं। अब दिवालिया हुई कंपनी के प्रमोटर उसी कंपनी की संपत्तियों को खरीदने पर भी रोक लगाई जाएगी।
सरकारी बैंकों को होगा फायदा
आपको बता दें कि ऐसा हो जाने पर अपनी मर्जी से डिफॉल्टर जैसी स्थिति होने पर प्रमोटर फायदा नहीं उठा सकेंगे। कैबिनेट ने इसके लिए अपनी मंजूरी देते हुए कहा है कि यह दोनों अध्यादेश संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाएंगे। यहां बता दें कि शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होने वाली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि गुजरात चुनाव के बाद ही संसद का सत्र हो, इसी वजह से इस तारीख का चयन किया गया है। इस सत्र में सरकार की कोशिश रहेगी कि इन अध्यादेश को पास करा लिया जाए। इस अध्यादेश के कानून बन जाने से सबसे ज्यादा फायदा सरकारी बैंकों को होगा।
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