शिमला। गुरमीत राम रहीम के बाद राधा स्वामी सत्संग व्यास परौर का डेरा भी विवादों में घिर गया है। सत्संग व्यास परौर के डेरे पर आरोप है कि उसने चाय बागान काटकर सरकार की बिना अनुमति के वहां बड़े-बड़े शेड लगा दिए। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र में इस बात के आरोप लगाए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि सत्संग व्यास परौर ने 648 कनाल भूमि पर चाय बागान काटकर अपना कब्जा जमा लिया।
स्थानीय लोगों को नुकसान
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि राधा स्वामी सत्संग व्यास परौर ने आश्रम के लिए 5 अवैध सड़कांे का निर्माण चीड़ के सैकड़ों पेड़ काटकर वन भूमि पर किया है। वन भूमि को गलत तरीके से किराए पर दिया गया । अब यहां गैरकानूनी तरीके से ब्लास्टिंग की जा रही है जिससे स्थानीय लोगों के घरों को नुकसान पहुंच रहा है। बता दें कि कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव सहित वन विभाग और जिलाधीश कांगड़ा से दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
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550 कनाल वन भूमि पर अवैध कब्जा
मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा गया है कि राधा स्वामी सत्संग ने परौर में गैरकानूनी तरीके से करीब 550 कनाल वन भूमि पर अवैध कब्जा किया है। आश्रम ने रेलवे की जमीन पर भी अतिक्रमण किया है। इस पत्र में डेरे द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं को भी उजागर किया गया है। कहा है कि यहां विभिन्न तरह का प्रदूषण फैलाया जा रहा है। बता दें कि पत्र लिखने वालों ने आश्रम की अनियमितताओं और अवैध कब्जे की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है और हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि जांच की निगरानी स्वयं करे।