नई दिल्ली । कांग्रेस द्वारा राफेल विमान सौदे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर (Dassault Aviation CEO) दसॉंल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने बड़ा बयान देते हुए साफ कर दिया कि इस डील में अनिल अंबानी की कंपनी का चुनाव हमने खुद किया था। इस चुनाव में भारत सरकार और पीएम मोदी का कोई हाथ नहीं है। इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष जो भी बोल रहे हैं वो बेबुनियाद है। राफेल सौदे में दलाली समेत अन्य गंभीर आरोपों को खारिज करते हुए दसॉं के सीईओ एरिक ने कहा कि कांग्रेस और उनकी पार्टी अध्यक्ष द्वारा लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। हालांकि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दसॉल्ट के सीईओ पर इस मुद्दे को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया था।
राफेल सौदे पर बात करते हुए दसॉ के CEO एरिक ट्रैपियर ने समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा, "जब हमने पिछले साल संयुक्त उपक्रम (JV) बनाया था, JV बनाने का फैसला 2012 में हुए समझौते का हिस्सा था, लेकिन हमने सौदे पर दस्तखत हो जाने का इंतज़ार किया। हमें इस कंपनी में मिलकर 50:50 के अनुपात में लगभग 800 करोड़ निवेश करने थे ।JV में 49 फीसदी शेयर दसॉ के हैं, और 51 फीसदी शेयर रिलायंस के हैं।"
एरिक ट्रैपियर ने कहा, "हमें कांग्रेस के साथ काम करने का लम्बा अनुभव है। भारत में हमारा पहला सौदा 1953 में हुआ था, (पंडित जवाहरलाल) नेहरू के समय में, और बाद में अन्य प्रधानमंत्रियों के काल में भी।हम किसी पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे हैं, हम भारत सरकार तथा भारतीय वायुसेना को स्ट्रैटेजिक उत्पाद सप्लाई करते हैं, और यही सबसे अहम है।"
बता दें कि कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा राफेल विमान सौदे को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए जहां विमान की कीमतों को कई गुना ज्यादा बढ़ाने का आरोल लगाया, वहीं आरोप लगाए कि अनिल अंबानी की कंपनी को इस सौदे से जोड़ने में मोदी सरकार ने दबाव बनाया था। इस मुद्दे पर अब विमान कंपनी के सीईओ ने कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मुझ पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है, लेकिन में साफ कर दूं कि राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। मैं बता दूं कि मैं कभी झूठ नहीं बोलता। अनिल अंबानी की कंपनी को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है कि उसे मोदी सरकार के कहने पर चुना गया, इस बात में कोई सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमने खुद अनिल अंबानी की कंपनी को चुना था। रिलायंस के साथ हमारे 30 अन्य पार्टनर हैं। हम रिलांयस में पैसा नहीं लगा रहे हैं। भारतीय वायुसेना को राफेल विमान की जरूरत है।