नई दिल्ली। झारखंड के रांची में स्थित मिशनरीज आॅफ चैरिटी में नवजात शिशु को बेचे जाने के मामले में पुलिस को जांच में सफलता मिली है। एक नन और सिस्टर कोनसिलिया ने ये स्वीकार किया है कि उन लोगों ने मिलकर बच्चे बेचे हैं। पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल करते हुए कोनसिलिया ने माना कि उसने 50-50 हजार रुपये में दो बच्चे बेचे हैं। अपने गुनाह में उसने एक बच्चे को 1लाख 20 हजार रुपये में बेचने की बात भी स्वीकार की है। गौरतलब है कि पुलिस मामले में बेचे गए 3 बच्चों को पहले ही बरामद कर चुकी है। सेंट मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनरीज आॅफ चैरिटी की कर्मचारी सिस्टर कोनसिलिया का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह अपना जुर्म कबूल करते हुए दिख रही है। इस वीडियो में उसने बच्चों को बेचने की बात स्वीकार की है साथ ही एक बच्चे को फ्री देने की बात भी कही है। वीडियो में वह कहती दिख रही है कि बच्चा बेचने की बात किसी को नहीं बताई, हेड सिस्टर से भी इस बात को छिपाकर रखा। केवल करिश्मा जानती थी। वहीं अनिमा इंदवार के नाम से दिए गए कबूलनामे में लिखा है कि वह इस संस्था में 5 साल से काम कर रही है और उसने सिस्टर कोनसिलिया के साथ मिलकर बच्चों को बेचा है। रांची पुलिस ने सेंट मदर टेरेसा की इस संस्था की सिस्टर कोनसिलिया और अनिमा को 4 दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ के बाद पूरा मामला साफ हो जाएगा।
कबूलनामे में नन ने लिखा है कि उसने जिन 4 बच्चों को बेचा है वो सभी लड़के हैं। एक लड़के को 1 लाख 20 हजार में बेचने की बात स्वीकार की है और कहा कि 20 हजार की बात उसने छुपा लिया और पैसे अपने पास रख ली। सिस्टर कोनसिलिया को 20 हजार नहीं दिए। इस मामले में गिरफ्तार सिस्टर कोनसिलिया ने अपने वकील से कहा है कि उसने बच्चे नहीं बेचे। उसके वकील का कहना है कि पुलिस ने दबाव में कोनसिलिया से बयान लिया है।