नई दिल्ली । कथित सेना के 150 पूर्व सैनिकों की एक चिट्ठी लोकसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान के बाद सामने आई है, जिसमें केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि सरकार सेना का राजनीतिकरण कर रही है । इस चिट्ठी को राष्ट्रपति के पास भेजे जाने की बात कही जा रही है। कांग्रेस ने इस चिट्ठी को आधार बनाते हुए केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि केंद्र सरकार सेना का इस्तेमाल अपने चुनाव प्रचार के लिए कर रही है। लेकिन अब इस चिट्ठी के दावों और अस्तित्व को लेकर ही सवाल उठ खड़े हुए हैं। राष्ट्रपति भवन ने ऐसी किसी चिट्ठी के नहीं मिलने की बात कही है ,तो राष्ट्रपति भवन के इन खबरों का खंडन करने के बाद पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रॉड्रिग्ज ने भी इन खबरों को झूठ बताया है। उन्होंने ऐसी किसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने से भी इनकार किया है। उनका नाम भी इस चिट्ठी में लिखा गया है। वहीं मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने चिट्ठी भेजने की बात मानी है।
सोशल मीडिया में वायरल हुई चिट्ठी
मिली जानकारी के अनुसार , रिटायर्ड एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति को यह चिट्ठी एडमिरल रामदास ने नहीं लिखी , जैसा की दावा किया जा रहा है। बल्कि यह किसी मेजर चौधरी ने लिखी है। ये व्हॉट्सएप और ईमेल पर घूम रही थी। असल में गुरुवार शाम एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल होना शुरू हुई ।
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आठ पूर्व सैनिक प्रमुख और 148 पूर्व सैनिकों की चिट्ठी
इस चिट्ठी को सेना के आठ पूर्व प्रमुखों और 148 अन्य पूर्व सैनिकों द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखा गया है । पत्र में पूर्व सैनिकों के सशस्त्र सेनाओं का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने से नाराज होने की बात है। इस पत्र पर जिन लोगों के हस्ताक्षर की बात कही जा रही है उनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रॉड्रिग्ज, जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी और जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एनसी सूरी शामिल हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि तीन पूर्व नौसेना प्रमुखों एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास, एडमिरल (सेवानिवृत्त) अरुण प्रकाश, एडमिरल (सेवानिवृत्त) मेहता और एडमिरल (सेवानिवृत्त) विष्णु भागवत ने भी इस पत्र पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। इस पत्र के साथ जानकारी साझा की जा रही है कि यह पत्र गुरुवार को राष्ट्रपति को भेजा गया है।
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जानें आखिर क्या लिखा है पत्र में
इस पत्र में कथित पूर्व सैनिकों ने लिखा, ‘महोदय हम नेताओं की असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकृत प्रक्रिया का जिक्र कर रहे हैं जिसमें वह सीमा पार हमलों जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय ले रहे हैं और यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं को ‘मोदी जी की सेना’ बताने का दावा तक कर रहे हैं।’ सेवारत तथा सेवानिवृत्त सैनिकों के बीच यह चिंता और असंतोष का मामला है कि सशस्त्र सेनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडा चलाने के लिए किया जा रहा है। पत्र में पूर्व सैनिकों ने चुनाव प्रचार अभियानों में भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान और अन्य सैनिकों की तस्वीरों के इस्तेमाल पर भी नाखुशी जताई है।