नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के एक बयान के बाद विवाद गहरा गया है। माइंडमाइन सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भले ही उन्हें मुलसमान वोट न देते हों लेकिन उनकी सरकार ने समुदाय के लोगों को समुचित सम्मान दिया है। हमारे 13 राज्यों में मुख्यमंत्री हैं। हम केंद्र की सत्ता में हैं और शासन चला रहे हैं। इस दौरान क्या कोई ऐसी बात सामने आई है कि हमने किसी मुसलमान को परेशान किया हो। बहरहाल, उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने उनके इस बयान को अपनी ही पार्टी में शामिल मुसमानों के लिए शर्मसान करने वाला करार दिया है।
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दिल्ली में आयोजित माइंडमाइन सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से संस्कृति और बहुलता पर विकास के प्रभाव के संबंध में सवाल पूछे गए। इस दौरान उन्होंने कहा-हमारे 13 सीएम हैं और केंद्र की सत्ता में भी हम हैं। हम देश का शासन चला रहे हैं। क्या हमने उद्योग जगत का सेवा क्षेत्र में काम करने वाले किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को परेशान किया है। क्या हमने उन्हें बर्खास्त किया है। भले ही हमें मुसलमानों के वोट नहीं मिलते लेकिन मैं स्पष्ट तौर पर कह देना चाहता हूं कि हमने उन्हें पूरा सम्मान दिया कि नहीं।उन्होंने कहा- बतौर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मैंने कई मुसलमान बहुल गांवों का दौरा किया है, जहां मुस्लिम युवक सामुदायिक सेवा केंद्र चलाते हैं। ये युवक इंटरनेट के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों की मदद करते हैं।
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इस दौरान उन्होंने अपनी बाइक को एंबुलेंस में बदलने वाले जलपाईगुड़ी के चाय बगान में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारी करीमुल हक को उसके अनुकरणीय काम के लिए चुने जाने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, हमने कभी भी हक का धर्म नहीं देखा, न ही यह देखा कि वह हमें वोट करता है या नहीं।
बहरहाल, रविशंकर प्रसाद के इन बयानों को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया है। विपक्ष का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ने ऐसा बयान देकर अपनी ही पार्टी में मौजूद मंत्रियों और नेताओं पर भी सवाल उठा दिए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पार्टी प्रवक्ता शहनवाज़ हुसैन और विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर भाजपा में ही मौजूद हैं, बावजूद इस तरह की टिप्पणी करने की क्या जरूरत थी। विपक्षी नेताओं ने कहा कि क्या कानून मंत्री यह कहना चाहते हैं कि आम मुस्लिम के साथ उनकी पार्टी के ये नेता भी भाजपा को वोट नहीं देते।
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विपक्षी नेताओं का कहना है कि नजमा हेपतुल्ला से लेकर शाजिया इल्मी तक तमाम मुस्लिम महिलाएं भाजपा के साथ जुड़कर भाजपा को मजबूत करने में जुटी हैं। ऐसे में कानून मंत्री का यह बयान क्या इन मुस्लिम नेताओं का अपमान नहीं है।