नई दिल्ली। रियल इस्टेट में कारोबार करने वालों के लिए टैक्स की चोरी करना अब आसान नहीं होगी। भारत सरकार जल्द ही इस कारोबार को जीएसटी के दायरे में लाने जा रही है। अगर ऐसा होता है तो घरों की खरीद-बिक्री करने वालों के लिए थोड़ी मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। बोस्टन के हार्वर्ड यूनीवर्सिटी में ‘भारत में कर सुधार’ विषय पर व्याख्यान देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अभी फिलहाल बिल्डर बेचे गए घर पर जीएसटी देते हैं, जिस पर उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलता है लेकिन दो व्यक्ति मिलकर अगर यह काम कर रहे हैं तो वे फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं है। अब सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
टैक्स की चोरी पर लगाम
गौरतलब है कि रियल इस्टेट का कारोबार एक ऐसा कारोबार है जहां ज्यादातर काम नकद में होता है। ऐसे में कारोबारी टैक्स की चोरी कर लेते हैं अगर इसे जीएसटी के दायरे में ला दिया जाए तो वे टैक्स की चोरी नहीं कर पाएंगे। जेटली ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देते हुए कहा कि इस मामले पर गुवाहाटी में 9 नवंबर को होने वाली जीएसटी की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।
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बैंकिंग क्षमता का पुनर्निर्माण
यहां बता दें कि व्याख्यान के दौरान जेटली ने कहा कि विश्व की बैंकिंग व्यवस्था काफी तेजी से बदल रही है और ऐसे में हम भारत में बैंकिंग से जुडी समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हमें (बैंकिंग क्षेत्र) क्षमता का पुनर्निर्माण करना होगा। निजी क्षेत्र के विस्तार वाले सवाल को जेटली ने सिरे से इंकार कर दिया।