नई दिल्ली। देश भर में 5 राज्यों के चुनाव परिणाम आने से पहले ही सरकार और रिजर्व बैंक का गतिरोध सामने आ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने देर शाम अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि बताया जा रहा है कि उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे का कारण बेहद ही निजी बता रहे हैं। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि आरबीआई में अपनी सेवाएं देकर मैं खुद को सम्मानित महसूस करता हूं। विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर का यह कदम काफी अप्रत्याशित है। बता दें कि पिछले दिनों सरकार और रिजर्व बैंक के गवर्नर के बीच बैंकों की स्वायत्ता को लेकर गतिरोध चल रहा था।
गौरतलब है कि ऐसा कहा जा रहा है कि जिन कारणों से उर्जित पटेल को गवर्नर पद से इस्तीफा देना पड़ा उनमें सरकार द्वारा सेक्शन 7 का इस्तेमाल करने की बात कहना और छोटे उद्योगों के लिए लोन आसान बनाना, कर्ज और फंड की समस्या से जूझ रहे 11 सरकारी बैंकों को कर्ज देने से रोकने पर राहत और शैडो लेंडर्स को ज्यादा लिक्विडिटी देना शामिल है। बताया जा रहा है कि सरकार के रवैये के खिलाफ आरबीआई के रुख को भी काफी आक्रामक माना रहा था।
ये भी पढ़ें - देश की जमीनी सुरक्षा हुई और मजबूत, अग्नि 5 का हुआ सफल परीक्षण
यहां बता दें कि उर्जित पटेल का कहना है कि सरकार बैंक कि स्वायत्तता को खत्म करना चाहती है। इसके लिए उसने 2010 के अर्जेंटीना के वित्तीय बाजार का भी उदाहरण दिया है। उर्जित पटेल के इस्तीफे पर भाजपा के ही नेता सुब्रमण्यम ने कहा था कि पीएम मोदी को उनसे बात करनी चाहिए थी। स्वामी ने कहा कि अभी आरबीआई के गवर्नर के इस्तीफा देने से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।