नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने द्विमासिक समीक्षा कमेटी की बैठक बुधवार को समाप्त हो गई। इस बैठक में कमेटी ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव न करने का फैसला लिया है। कमेटी ने रेपो रेट पहले की ही तरह 6.5 और रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी ही रखने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि महंगाई दर के कम होने की वजह से आरबीआई ने यह कदम उठाया है। गौर करने वाली बात है कि 20 नवंबर को आरबीआई बोर्ड की लंबी बैठक के बाद भी बैंकों की स्वायत्ता देने के मसले पर कोई फैसला नहीं हो पाया था।
गौरतलब है कि आरबीआई के द्वारा रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से लोन की ईएमआई चुकाने वालों को भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। बता दें कि पिछले दिनों सरकार और आरबीआई के बीच बैंकों की स्वायत्ता को लेकर टकराव हो गया था। हालांकि बाद में सरकार की ओर से कहा गया था कि एक सीमा के अंदर बैंकों की स्वायत्ता को मंजूरी दी जा सकती है।
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यहां बता दें कि पिछले 3 दिनों से आरबीआई के अधिकारियों के बीच रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को लेकर बैठक की जा रही थी। आज समीक्षा कमेटी ने महंगाई दर के कम होने की वजह से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। आरबीआई के इस फैसले से उद्योग जगत को भी बड़ी राहत मिली है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी के कम होकर 7.1 फीसद होने के बाद आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को लेकर चिंताजनक स्थिति बनी हुई थी, जिसे आरबीआई ने दूर करने की कोशिश की है।