नई दिल्ली । गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार सुबह रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इन रोहिग्या को शरणार्थी कहना गलत है। इन लोगों ने हमारे देश में घुसपैठ की है। ऐसे में इन लोगों को शरणार्थी कहा जाना पूरी तरह से गलत है। वहीं जब म्यांमार इन लोगों को अपने यहां वापस लेने के लिए बात कर रहा है और तैयार भी है तो भारत में कुछ लोगों को इस मुद्दे पर आपत्ति क्यों है। उन्होंने एक बार फिस से साफ किया कि इन रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में किसी भी सूरत में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इन लोगों के समुद्र के रास्ते घुसपैठ की खुफिया जानकारी मिली है, जिसके बाद भारतीय कोस्टगार्ड ने सीमाओं को सील कर दिया है।
बता दें कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर देश में एक छोटे से समूह में लोग इन्हें भारत से बाहर किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि ये भी बौद्ध भिश्रुओं की तरह शरणार्थी हैं, जब वे भारत में रह सकते हैं तो इन रोहिंग्या मुसलमानों को क्यों भारत से बाहर भेजा जा रहा है। इन सब के बीच भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि इन लोगों को शरणार्थी कहना पूरी तरह से गलत है। ये लोग भारत में घुसपैठ करके घुसे हैं। ऐसे में इनके साथ शरणार्थीयों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता।
इतना ही नहीं उन्होंने सरकार के रुख को दोहराते हुए कहा कि भारत इन लोगों को बाहर करने की अपनी रणनीति से पीछे नहीं हटेगा। इनमें से कई लोग आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं, जो भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। म्यांमार ने भी इस बात को माना है कि इन लोगों ने म्यांमार में हमले करवाए हैं। ऐसी सूरत में इन लोगों को किसी भी सूरत में भारत में रहने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन लोगों को वापस भेजने के लिए कूटनीतिक और राजनीतिक दोनों की स्तर पर भारत सरकार काफी मजबूती के साथ काम कर रही है। म्यांमार सरकार इन लोगों को लेकर बात कर रही है, जब वहां की सरकार इन लोगों को अपने यहां वापस लेने के लिए तैयार हो रही है तो यहां कुछ लोगों को क्यों परेशानी हो रही है।