नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम ‘भविष्य का भारत’ में सरसंघ चालक मोहन भागवत ने संघ और राजनीति के ऊपर बोलते हुए कहा कि केंद्र की राजनीति नागपुर से नहीं चलती है। उन्होंने कहा कि वे भी संघ के कार्यकर्ता हैं और खुद निर्णय लेने में सक्षम हैं। मोहन भागवत ने सरकार के कामकाज में संघ के दखल को पूरी तरह से खारिज कर दिया। इसके साथ उन्होंने हिंदुत्व को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया। सरसंघ चालक ने कहा कि हिंदुत्व में मुस्लिमों को भी बराबरी की जगह दी गई है।
गौरतलब है कि विपक्ष के द्वारा कई बार केंद्र सरकार का रिमोट कंट्रोल नागपुर में होने का आरोप लगाया है। ‘भविष्य का भारत’ कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ देश के संविधान को पूरी तरह से मानकर चलता है और कभी भी उसके खिलाफ जाकर कोई काम नहीं करता है। सरकार का रिमोट नागपुर में होने के बयान पर मोहन भागवत ने कहा कि संघ का सरकार के कामों में कोई दखल नहीं है।
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यहां बता दें कि उन्होंने कहा कि सरकार में काम रहे ज्यादातर लोग स्वयंसेवक हैं और वे खुद निर्णय लेने में सक्षम हैं। मोहन भागवत ने कहा कि संघ के कार्यों में जितना उनका अनुभव है उससे कहीं ज्यादा इन नेताओं का राजनीतिक अनुभव है ऐसे में उन्हें सलाह देने की बात ही नहीं उठती है। उन्होंने यह बात जरूर कही कि जहां जरूरत होती है वहां सलाह दी जाती है।
मोहन भागवत ने संघ का राजनीति से संबंध क्या है? एक ही दल में क्यों सबसे ज्यादा स्वयंसेवक हैं? बाकी दलों में जाने की उनकी इच्छा क्यों नहीं होती है? ऐसे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस पर लोगों को खुद ही विचार करना है। हम किसी भी स्वयंसेवक को किसी एक विशिष्ट राजनीतिक दल का काम करने के लिए नहीं कहते हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हम कहते हैं कि हमारा हिंदू राष्ट्र है। हिंदू राष्ट्र है इसका मतलब इसमें मुसलमान नहीं चाहिए, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस दिन ये कहा जाएगा कि यहां मुस्लिम नहीं चाहिए, उस दिन वो हिंदुत्व नहीं रहेगा।