नई दिल्ली। नई दिल्ली में आज से देश के बड़े साहित्यकारों का जमावड़ा लगने वाला है। साहित्य अकादमी की ओर से ‘साहित्योत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है। 6 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में 250 से ज्यादा साहित्यकारों के हिस्सा लेने की संभावना है। पहले दिन 24 भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार भी दिए जाएंगे। आदिवासी भाषाओं के लिए दो दिवसीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है। बड़ी बात यह है कि इस महोत्सव में 40 से अधिक आदिवासी भाषा के लेखक शामिल हो रहे हैं।
थीम आधारित साहित्योसव
यहां बता दें कि साहित्योत्सव में इस बार लेखकों के साथ प्रकाशकों को भी बुलाया गया है। इन दोनों को बुलाने का मकसद राॅयल्टी पर बातचीत करना भी है। अकादमी के सचिव डाॅक्टर के. श्रीनिवासराव के अनुसार, 12 से 17 फरवरी तक चलने वाले साहित्योत्सव का थीम ‘भारत की स्वाधीनता के 70 वर्ष साहित्य में चित्रण’ रखा गया है।
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मीडिया और साहित्य पर चर्चा
इस बार हिंदी भाषा में साहित्य अकादमी पुरस्कार रमेश कुंतल मेघ को उनकी किताब विश्वमिथक सरित्सागर के लिए मिला है। वहीं, मीडिया और साहित्य पर भी एक संगोष्ठी का आयोजन होगा जिसमें मीडिया में साहित्य के लिए कम होती जगह को लेकर चर्चा होगी।