नई दिल्ली। राम मंदिर के निर्माण में हो रही देरी और सामने आ रही अड़चनों पर संतों ने दिल्ली में मंथन किया है। विश्व वेदांत संस्थान की अगुवाई में जुटे संतों ने एक स्वर से राम मंदिर का निर्माण जल्द कराने की मांग की। इस मसले को लेकर संतों ने प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति निवास की ओर कूच करने का प्रस्ताव भी पेश किया। कई संतों ने तो इस मुद्दे पर सरकार के द्वारा साधी गई चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। गौर करने वाली बात है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई 29 अक्टूबर से शुरू करने को कहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज काशी ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक मामलों में आधी रात को अपना फैसला सुना सकता है तो राम मंदिर निर्माण के मामले में देरी क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी अब मुद्दे को लेकर विचार भी बदल रहा है। रामजन्म भूमि मामले में भी मोदी सरकार को अध्यादेश लाना होगा।
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यहां बता दें कि संतों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह तीन तलाक को लेकर चिंतित है लेकिन राम मंदिर निर्माण को लेकर कुछ भी नहीं बोल रही है। संतों ने कहा कि अब संत समाज को इसके लिए प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से उनके निवास स्थान पर जाकर मिलना होगा और प्रधानमंत्री को और मजबूत बनाना होगा। वहीं फूलडोलजी महाराज ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मौनी बाबा हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मंदिर निर्माण नहीं हुआ तो 2019 आ रहा है।