नई दिल्लीः पिछले दिनों राष्ट्रगान जन-गण-मन को लेकर निर्देश जारी करने वाले सुप्रीम कोर्ट ने अब राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम बजाने को लेकर किसी भी प्रकार के दिशानिर्देश देने से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग पर भी विचार करने से इनकार कर दिया कि दफ्तर, अदालत, विधानसभा और संसद में भी राष्ट्रीय गान बजाना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा कोई कोई कानून नहीं है जो राष्ट्रीय गीत के सिद्धांत को स्वीकार करता हो। शीर्ष अदालत ने प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर और संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय गीत के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-51ए में सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का उल्लेख है। इस अनुच्छेद में राष्ट्रीय गीत का जिक्र नहीं है। लिहाजा राष्ट्रीय गीत को लेकर इस बहस में नहीं पड़ना चाहते।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि राष्ट्रीय गीत को लेकर कोई सिद्धांत नहीं है। भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की इस याचिका में राष्ट्रगान की तर्ज पर अदालत से राष्ट्रीय गीत बजाने के लिए भी दिशानिर्देश जारी करने की गुहार की गई थी।