नई दिल्ली । घाटी में सुरक्षा बलों ने गुरुवार को इस साल आतंकियों को ढेर करने के मामले में अपना दोहरा शतक जड़ दिया। इस साल मोदी सरकार की ओर से फ्री हैंड मिलने के बाद सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ऑल आउट के चलते सुरक्षा बलों ने 2017 में गुरुवार को 200 आतंकियों को ढेर करने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले घाटी के बड़गाम में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया तो वहीं सोपोर में जारी मुठभेड़ में एक आतंकी को हूरों के पास भेज दिया है। इसके साथ ही इस साल 200 से ज्यादा आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया है।
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पहले से ज्यादा आक्रामक हुए सेना
पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं के बाद साफ हो गया था कि इस बार पाकिस्तान की ओर से बड़ी संख्या में आतंकियों ने सीमा पार की है। मिली सूचनाओं के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में ही अकेले 150-180 आतंकी छिपे हुए हैं, जिनपर अब सेना ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें धीरे-धीरे ढेर करना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ समय में सेना के ऑपरेशन ज्यादा सफल साबित हो रहे हैं। हालांकि आतंकियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के कई जवान भी शहीद हुई हैं।
पत्थरबाजी में कमी से बढ़ी सफलता
बता दें कि देश में नोटबंदी के बाद से घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। इसके चलते अब पुलिस या सेना की मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोग पत्थरबाज बनकर आतंकियों को बचाने उस तरह नहीं आते, जैसा नोटबंदी से पहले देखा जाता था। देश में नोटबंदी से पहले टेरर फंडिंग के तहत आया पैसा , घाटी के कुछ लोगों को पत्थरबाजी के लिए दिया जाता था, जिसकी मदद से कई बार सेना के घेरे में फंस चुके आतंकी बचकर भागने में सफल हो गए थे। लेकिन नोटबंदी के बाद जहां अब इस टेरर फंडिंग के खेल पर अंकुश लगा है, सेना को सफलता भी मिलने लगी है।
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सरकार का साथ मिलने से सेना मजबूत
सेना के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ समय तक सेना के हाथ बंधे हुए रहते थे, लेकिन मोदी सरकार ने सही मायने में सेना को फ्री हैंड दिए हैं। अब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले अधिकारी सोचते नहीं है। पिछले दिनों घाटी में शांति बहाली के लिए सरकार ने अपना एक प्रतिनिधि नियुक्त किया, जो इस समय अलग-अलग लोगों से बातचीत करने में लगे हैं, लेकिन इस दौरान सेना ने साफ कर दिया था कि वह अपने ऑपरेशन ऑल आउट को नहीं रोकने वाले। वह आतंकियों को ढेर करने का काम करते रहेंगे।