नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन वाली सरकार के गिरने के बाद आतंकियों के साथ अलगाववादी नेताओं पर सुरक्षाबलों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। घाटी में हाल के दिनों में हुई हत्याओं के विरोध में गुरुवार को जम्मू कश्मीर बंद का आह्वान करने वाले अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पुलिस से सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ने के आसार को देखते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया है। इसके बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले समय में अन्य अलगाववादी नेताओं पर भी पुलिस अपना शिकंजा कस सकती है।
गौरतलब है कि राज्य में सरकार के गिरने के बाद वहां राज्यपाल शासन लगा दिया गया है। राज्यपाल शासन के लागू होते ही, राज्यपाल एनएन वोहरा एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने सेना और पुलिस अधिकारियों के साथ राज्य के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की है। गुरुवार को अलगाववादी नेताओं के द्वारा बुलाए गए बंद के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था में कोई खलल न पैदा हो इसके लिए एहतियात के तौर पर अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया है।
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बता दें कि राज्यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल जल्द ही खत्म होने वाला है। ऐसे में वहां आतंकियों के प्रति तल्ख तेवर रखने वाले सेना के सेवानिवृत्त मेजर जनरल जीडी बख्शी को राज्यपाल बनाए जाने की खबरें भी सामने आई है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम भी सामने आया है। गौर करने वाली बात है कि जनरल बख्शी और दीपेंद्र हुड्डा दोनों को ही जम्मू कश्मीर का विशेषज्ञ माना जाता है। ऐसे में अगर उनकी राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति होती है तो आतंकियों की खैर नहीं होगी।