Thursday, April 25, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

LIVE - घाटी से 26 अलगाववादी नेता हिरासत में , अनुच्छेद 35ए पर सुनवाई से पहले हुई कार्यवाही

अंग्वाल न्यूज डेस्क
LIVE - घाटी से 26 अलगाववादी नेता हिरासत में , अनुच्छेद 35ए पर सुनवाई से पहले हुई कार्यवाही

नई दिल्ली । पुलवामा आतंकी हमलों के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की नकेल कसने का काम शुरू कर दिया है। अनुच्छेद 35ए पर आगामी सोमवार को सुनवाई से पहले इन अलगाववादियों पर शिकंजा करने की कवायद शुक्रवार रात से लेकर अभी तक जारी है। इस क्रम में  अब तक जमात ए इस्लामी के जम्मू कश्मीर प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज समेत इसके 26 सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि इसे एक नियमित कार्यवाही बताया जा रहा है , लेकिन जानकारों का कहना है कि अनुच्छेद 35ए पर सुनवाई के मद्देनजर घाटी में कोई हंगामा न हो, इसके मद्देनजर ही इन नेताओं को हिरासत में लिया गया है। वही पुलिस ने शुक्रवार रात जेकेएलएफ प्रमुख यासिन मलिक को भी हिरासत में लिया है।

बता दें कि सरकार ने अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत से संबद्ध संगठन पर पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लेने की कवायद तेज की है। पुलवामा हमले के बाद घाटी के इन अलगाववादी नेताओँ के खिलाफ जहां देश के लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है, वहीं आगामी 25 फरवरी को अनुच्चेद 35ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर यह कार्यवाही की गई है। अब तक 26 अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लिया जा चुका है।

पाकिस्तान के साथ न खेलने पर कोहली बोले- हमारा रुख सख्त है, हम अपने राष्ट्र और BCCI के फैसले के साथ खड़े हैं

वहीं इस कार्यवाही को जमात ए इस्लामी ने एक बयान जारी कर निंदाजनक बताया है। जमात की ओर से कहा गया है कि यह कदम इस क्षेत्र में और अनिश्चितता का राह प्रशस्त करने के लिए भली-भांति रची गई साजिश है। पिछले दो दिनों से पुलिस और अन्य एजेंसियों ने एक व्यापक गिरफ्तारी अभियान चलाया और घाटी में कई घरों पर छापेमारी की।

पुलवामा हमले का एक बड़ा सबूत NIA के हाथ लगा , आत्मघाती आतंकी की कार को लेकर हुआ बड़ा खुलासा


वहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फैसले पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, 'पिछले 24 घंटे में हुर्रियत नेताओं और जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। मनमाने तरीके से उठाया गया ये कदम जम्मू-कश्मीर में मुद्दों को उलझा देगा। वहीं सज्जाद लोन ने भी अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा - लगता है सरकार गिरफ्तारी का फायदा उठाना चाहती है, लेकिन सावधान हो जाएं क्योंकि 1990 में भी बड़ी तादाद में गिरफ्तारियां हुई थीं, नेताओं को जोधपुर और देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया. हालात ज्यादा बिगड़े. यह पहले से आजमाया हुआ एक विफल मॉडल है, कृपया यह बंद करें, यह काम नहीं आना वाला, हालात और खराब होंगे।

डोनाल्ड ट्रंप की पाक को चेतावनी, कहा- भारत उठाने वाला है बड़ा कदम , 1.3 बिलियन डॉलर की मदद भी रोकी

आपको बता दें कि अनुच्छेद 35 ए जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 का ही हिस्सा है। यह राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है जिसके तहत दिए गए अधिकार 'स्थाई निवासियों' से जुड़े हुए हैं। राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सुविधाएं दे या न दे।

 

Todays Beets: