नई दिल्ली । GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी) का असर 1 अक्तूबर से उपभोक्ताओं को दिखना शुरू होगा। अगले महीने की पहली तारीख से कोई भी दुकानदार अपना सामान पुरानी MRP (एमआरपी) पर नहीं बेच पाएंगे। असल में सरकार की ओर से जीएसटी लागू किए जाने के बाद इन कंपनियों और दुकानदारों को पुरानी MRP वाला सामान खपाने के लिए कुछ समय दिया गया था, जो 30 सितंबर को खत्म होने जा रहा है। ऐसे में अगले महीने से दुकान पर नए एमआरपी का सामान ही बेचा जाएगा। यह दाम GST के बाद सामानों की कीमतों में आए बदलाव के आधार पर निर्धारित किया गया होगा। शासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि अगर इस समयसीमा के खत्म होने के बाद कोई दुकानदार पुराने मूल्य पर ही सामान बेचता पाया गया तो उसका सारा सामान जब्त कर लिया जाएगा। इस सब के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 1 अक्तूबर के बाद जहां उपभोक्ताओं को कुछ सामान पहले से कम कीमत पर मिलेगा, वहीं कुछ सामान के लिए ज्यादा रकम देनी होगी।
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उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 1 अक्टूबर से पुरानी MRP के साथ सामान बेचने की समय सीमा अब आगे नहीं बढ़ने जा रही है। अगर किसी कंपनी की तरह से कोई आवेदन या कोई अन्य विवाद खड़ा होता है तो उसे 'केस टू केस’ स्तर पर इजाजत देने के बारे में सोचा जाएगा। इससे इतर 1 अक्तूबर के बाद से कोई भी दुकानदार अपने सामान को पुरानी एमआरपी पर नहीं बेच पाएगा।
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बता दें कि GST के लागू होने के समय कई कंपनियों और आयातकों ने अपने पुराने MRP वाले माल को खपाने की चिंता जताई थी, जिसे ध्यान में रखते हुए इन सभी को 30 सितंबर तक अपने इस माल को खत्म करने की समयसीमा निर्धारित की थी। सरकार ने उस दौरान कहा था कि पुराने माल को खत्म करने के लिए दुकानदारों और आयातकों के पास 90 दिन का समय काफी होगा।
इस बीच खबर ये भी आ रही है कि कुछ कंपनियों ने इस समय सीमा के खत्म होने के बाद अपनी कीमतों के दाम बढ़ा दिए हैं। इससे उपभोक्ताओं को खासी परेशानी होगी। वहीं जानकारों का कहना है कि जहां कुछ चीजों के दाम में वृद्धि होगी तो कई चीजों के दाम में गिरावट की नजर आएगी।