नई दिल्ली। कमलनाथ को भले ही मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया है लेकिन उनका विरोध अभी से ही शुरू हो गया है। अकाली दल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कमलनाथ को सीएम बनाए जाने पर आपत्ति जताई है। अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि कमलनाथ का नवंबर 84 दंगों में हाथ है और यदि उनको मुख्यमंत्री बनाया गया तो सिख समुदाय कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने रकाबगंज गुरुद्वारे के सामने भीड़ को उकसाया था जिस कारण भीड़ ने गुरुद्वारे में घुसकर कई सिखों की हत्या कर दी थी।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के सीएम को लेकर भी दिल्ली से लेकर भोपाल तक सियासी घमासान देखने को मिला था। पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने कमलनाथ के नाम पर मुहर लगा दी थी लेकिन बाद में इस पर विराम लगाते हुए कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से ज्योतिरादित्य सिंधिया की काफी देर तक बैठक होती रही। इस दौरान प्रियंका वाड्रा भी वहां मौजूद थीं। आखिरकार देर रात पर्यवेक्षक एके एंटोनी ने कमलनाथ के नाम की घोषणा की।
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यहां बता दें कि अब भले ही कमलनाथ को मध्यप्रदेश की कमान मिल गई है लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां एक साथ आ गईं हैं। पहले तो 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्जा माफ करना और अब सिख सुमदाय का विरोध। ऐसे में देखना होगा कि वे किस तरह से चुनौतियों से निपटते हैं। अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दंगों की जांच के लिए गठित दो आयोग ने भी कमलनाथ की भूमिका को संदिग्ध बताया है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के सिख नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। सिरसा ने कहा कांग्रेस नेताओं को भी कमलनाथ के नाम पर आपत्ति दर्ज करवानी चाहिए।