नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लंबे समय बाद बुधवार को संसद में बोलती नजर आई। भरत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह के मौके पर एक पत्र लेकर खड़ी हुई सोनिया गांधी ने इस दौरान इशारों ही इशारों में संघ पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि गांधी जी साप्रदायिकता के खिलाफ थे लेकिन आज कुछ सांप्रयायिक ताकतें काम कर रही हैं। आजादी के लिए जब भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई तो उस दौरान भी एक गुट ऐसा था जो इस आंदोलन का विरोध कर रहे थे। उन्होंने संघ पर हमलावर अंदाज में कहा कि आजादी के आंदोलन का विरोध करने वालों की इस आजादी में कोई सहयोग नहीं रहा है।
अंधकार फैलाने वाली शक्तियां हावी
बता दें कि भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह के मौके पर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने बयान दिया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद में बोलने के लिए खड़ी हुई। उन्होंने इस दौरान कहा कि जब हम आजादी के आंदोलन की 75वीं सालगिरह मना रहे है, तब लोगों के मन में कई संशय भी हैं। विकास के बजाए अंधकार फैलाने वाली शक्तियां हमारे बीच तेजी से पनप रही हैं। जहां आदाजी का माहौल था वहां आज भय फैल रहा है। हमें हर तरह की दमनकारी शक्तियों से लड़ना है।
कांग्रेस और नेहरू पर केंद्रित रहा संबोधन
अपने संबोधन को सोनिया गांधी ने कांग्रेस और नेहरू परिवार के इर्द-गिर्द ही रखा, जिसका सत्ता पक्ष के लोगों ने विरोध भी किया। संसद में सालगिरह का जश्न मनाने के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने जेल में सबसे ज्यादा समय बिताया। जिन कांग्रेसियों ने उस दौरान देश को आजाद कराने में शहादत दी।
कंपकंपाते दिख रहे थे सोनिया के हाथ
संसद में अपने संबोधन के दौरान सोनिया गांधी ने हाथ में एक लिखित बयान पकड़ा हुआ था, जिसे देखकर वह पढ़ रही थी। अपने बयान के दौरान सोनिया गांधी काफी असहज दिखाई दी और उनके हाथ लगातार कंपकंपाते से नजर आ रहे थे। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस दौरान कहा कि उनके दिया गया बयान सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ उनका गुस्सा लग रहा था। जश्न के ऐसे मौके पर उन्हें देश के विकास की बातें करनी चाहिए थी लेकिन सोनिया गांधी संघ और सत्ताधारी पार्टी पर अपनी नाराजगी का इजहार करती नजर आईं।