नई दिल्ली। सवर्ण आरक्षण बिल पर बुधवार को राज्यसभा में बहस हो रही है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पहले ही इस बिल पर सरकार का समर्थन करने का ऐलान कर चुकी है। कांग्रेस भी सरकार पर वार करते हुए और चुनावी फायदा लेने का आरोप लगाने के बावजूद बिल का समर्थन किया है। तमिलनाडू की पार्टी एआईएडीएमके ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने भी लोकसभा चुनाव के पास आने की वजह से सरकार के द्वारा लाया गया बिल बताया है।
गौरतलब है कि रामगोपाल यादव ने कहा कि एजेंडा चलाने से कोई फायदा नहीं होगा। इससे पहले बसपा की मुखिया ने भी इस बिल को राजनीतिक छलावा करार देते हुए बिल का समर्थन करने का ऐलान कर चुकी है। बता दें कि राज्यसभा में बहस के दौरान कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने सत्र की कार्यवाही आगे बढ़ाने पर सरकार को घेरा और कहा कि बिना उनकी राय लिए ही सत्र को एक दिन बढ़ा दिया गया।
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यहां बता दें कि भाजपा की ओर से सदन में बोलते हुए सतीश उपाध्याय ने कहा कि पीएम मोदी खुद पिछड़ी जाति से आने के बाद भी सवर्णों के बारे में सोचते हैं। इससे साफ पता चलता है कि सरकार सबका साथ सबका विकास के नारे पर चल रही है। आपको बता दें कि भाजपा के दलित सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि सवर्ण और अगड़ी जातियों के नेताओं ने हमेशा से पिछड़ी जातियों के नेताओं को आगे बढ़ाने का काम किया है।