Saturday, April 20, 2024

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गठबंधन के बाद सपा-बसपा के लिए आफत बना 58 लोकसभा सीटें का बंटवारा, मंथन के बावजूद सिर्फ 22 सीटों पर ही सहमति

अंग्वाल न्यूज डेस्क
गठबंधन के बाद सपा-बसपा के लिए आफत बना 58 लोकसभा सीटें का बंटवारा, मंथन के बावजूद सिर्फ 22 सीटों पर ही सहमति

लखनऊ । लोकसभा चुनावों को लेकर यूपी में सपा-बसपा के साथ अब राष्ट्रीय लोकदल भी गठबंधन का हिस्सा बन गया है। अब भले ही पार्टी के बड़े नेता इस गठबंधन से खुश हो रहे हों, लेकिन राजनीति के जानकार इस दलों के राजनीतिक दांव को भीतरघात जैसी स्थिति पैदा करने का कारण मान रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ समय पहले पर धुर विरोधी रहे सपा-बसपा के कार्यकर्ताओं को अब एक ही उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करना होगा, जिसे लेकर उपापोह की स्थिति है। दबी जुबान में सपा-बसपा के कुछ नेता इसे पार्टी आलाकमान के निजी हितों के लिए किया गठबंधन मान रहे हैं। गुरुवार को दोनों दलों ने सीटों के बंटवारे पर मंथन किया, जिसमें से अभी तक मात्र 22 सीटों पर ही आम सहमति बनने की खबरें हैं। सूत्रों के अनुसार, अभी सीटों के बंटवारे को लेकर भी दोनों दलों में कुछ गतिरोध है, जबकि रालोद को बागपत , मथुरा और मुजफ्फरनगर सीट देना तय हो गया है। वहीं सपा-बसपा पश्चिम उत्तर प्रदेश की 22 सीटों को आपस में बांटने पर तो राजी हो गए हैं, लेकिन शेष 58 सीटों पर अब सौजेबाजी का दौर चल रहा है।

कहां से सपा उम्मीदवार और कहां से बसपा का ...

इस समय दोनों दलों के बड़े नेता इस मुद्दे पर मंथन कर रहे हैं कि आखिर किस सीट से किस दल का उम्मीदवार उतारा जाए। असल में सपा बसपा गठबंधन ने लोकसभा की 80 सीटों मे से 38-38 सीटें अपने लिए रखी थी, जबकि दो सीटें कांग्रेस (रायबरेली-अमेठी) के लिए छोड़ दी थी। पूर्व में दो सीटें अन्य (लोकदल ) के लिए रखी थी। नए फार्मूले के आधार पर अखिलेश यादव ने अपने हिस्से की 38 सीटें में से 1 और सीट राष्ट्रीय लोकदल को देकर उनकी सीटों का आंकड़ा तीन कर दिया है। लेकिन अब सीटों को लोकसभा क्षेत्र के आधार पर बांटने में दोनों (सपा-बसपा) ही पार्टियों के पसीने छूट रहे हैं।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में बसपा को सीटें

अभी मंथन से बैठक से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक , पश्चिम उत्तर प्रदेश की 23 लोकसभा सीटों में से ज्यादातर सीटें बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के खाते में गई है।  यहां बीएसपी 12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि 8 सीटों पर सपा और 3 सीटों पर आरएलडी के प्रत्याशी उतरेंगे।

ऐसा माना जा रहा है सीट शेयरिंग का फार्मुला

गाजियाबाद: बीएसपी

मेरठ : बीएसपी

नोएडा : बीएसपी

हापुड़: बीएसपी

बुलंदशहर: बीएसपी 

आगरा:  बीएसपी 

फतेहपुर सीकरी : बीएसपी

सहारनपुर: बीएसपी

अमरोहा: बीएसपी

बिजनौर: बीएसपी


नगीना: बीएसपी

अलीगढ़: बीएसपी

हाथरस: सपा

कैराना: सपा

मुरादाबाद: सपा

संभल: सपा

रामपुर: सपा

मैनपुर: सपा

फिरोजाबाद: सपा

एटा : सपा

बागपत: आरएलडी

मुजफ्फरनगर: आरएलडी

मथुरा: आरएलडी

कुछ नेताओं के नाराज होने की खबरें

इस सब के बीच कुछ क्षेत्रों से बसपा-सपा के नेताओं के नाराज होने की भी खबरें आ रही हैं। मेरठ की लोकसभा सीटों को बसपा के खाते में जाने के बाद वहां सपा के कुछ नेताओं ने अभी दबी जुबान में अनपी नाराजगी जाहिर की है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनावों के बाद अपना अस्तित्व ही बचा पाई पार्टी को जिंदा रखने के लिए हमने पिछले 5 साल तक काम किया लेकिन अब बसपा का उम्मीदवार यहां से गंठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगा। वहीं कुछ अन्य इलाकों से भी इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं। गाजियाबाद और नोएडा में भी सपा के नेताओं ने दबी जुबान में अपनी नाराजगी जाहिर की है।  

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