नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 के बहुचर्चित नरोदा पाटिया दंगों के मामले में 4 दोषियों को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 97 लोगों की हत्या कर दी थी। बता दें कि नरोदा पाटिया मामले में पिछले साल गुजरात हाईकोर्ट ने बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया था, जबकि सबूतों के अभाव में भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को चार मुख्य दोषियों को जमानत दे दी।
इसके दौरान पीठ ने कहा कि उनको दोषी करार दिए जाने पर संदेह है। इस मामले में अभी बहस की गुंजाइश है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. इन सभी दोषियों को आईपीसी की धारा 436 के तहत दोषी ठहराया गया था।
बता दें कि नरोदा पाटिया दंगे वर्ष 2002 में हुए गुजरात गोधरा कांड से जुड़े हैं। 27 फरवरी, 2002 के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को जला दिया गया था जिसमें कारसेवकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद वीएचपी ने 28 फरवरी, 2002 को बंद का आह्वान किया लेकिन नरोदा पटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला पर 97 लोगों की हत्या कर दी थी।