नई दिल्ली । समय पर अपने निवेशकों को फ्लैट नहीं दे पाने के मामले में जेपी समूह को बुधवार सुबह सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने समूह को अंतरिम राहत देते हुए एनसीआरडीसी NCRDC द्वारा 10 फ्लैट मालिकों को मुआवजा देने के आदेश को लेकर राहत दी है। NCRDC ने जेपी समूह को दोषी पाते हुए उन्हें इन 10 फ्लैट मालिकों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था, जिसपर अब सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुआवजा राशि को घटाते हुए 5-5 लाख रुपये कर दिया है। हालांकि सोमवार को ही कोर्ट ने जेपी इंफ्राटेक को 2000 करोड़ रुपए अगले 45 दिनों के अंदर जमा कराने का आदेश दिया है। जेपी इंफ्राटेक को अब 27 अक्टूबर तक 2000 करोड़ रुपए जमा कराने होंगे।
बता दें कि फ्लैट देने में देरी किए जाने के एक मामले को लेकर NCRDC ने जेपी समूह पर 10 फ्लैट मालिकों को मुआवजा देने का आदेश दिया था। उस दौरान NCRDC द्वारा यह मुआवजा राशि 50-50 लाख रुपये तय की गई थी, जिसे अब कोर्ट ने कम करते हुए जेपी समूह को अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने यह राशि 5-5 लाख रुपये कर दी है।
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्दश जारी करते हुए कहा है कि इंसोल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) जेपी से सारे रिकॉर्ड हासिल करके फ्लैट बार्यस के भले के लिए एक योजना तैयार कर 45 दिनों में कोर्ट में सौपेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि जेपी इंफ्राटेक और एसोसिएट्स के प्रबंध निदेशक सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाएंगे।