नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने RBI को निर्देश दिए हैं कि वह RTI के तहत बैंकों की जांच रिपोर्ट के बारे में खुलासा करे । इतना ही नहीं आरबीआई बैंक कर्ज लेकर फंसे बकायदारों की सूची को भी गोपनीय नहीं रख सकता । बैंकों को आरटीआई की तहत मांगी गई जानकारी में इसकी सूचना का खुलासा करना होगा । कोर्ट ने आरबीआई से कहा है कि भविष्य में आरटीआई के किसी भी प्रकार के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा । इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने RBI को आरटीआई के तहत सूचना देने में बाधा बनने वाली अपनी नीति बदलने के लिए भी कहा है । कोर्ट ने माना कि यह नीति दिसंबर 2015 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है । अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने साप किया कि RBI बैंकों की जांच रिपोर्ट को RTI के तहत मुहैया करवाने से मना नहीं कर सकता ।
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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केंद्रीय बैंक को चेतावनी दी है । कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि कि अब कोर्ट के आदेश की अवहेलना होने पर गंभीर अवमानना कार्यवाही की जाएगी । इस पीठ ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसी भी तरह का उल्लंघन गंभीरता से लिया जाएगा । बता दें कि जनवरी में शीर्ष न्यायालय ने आरटीआई के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट का खुलासा न करने के लिए आरबीआई को अवमानना नोटिस जारी किया था ।
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अपने आदेश में पीठ ने बैंक को आरटीआई में ऐसे लोगों की सालाना जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया । इतना ही नहीं बैंको की जांच रिपोर्ट का खुलासा करने पर रोक की नीति वापस लेने के लिए भी कहा है । कोर्ट ने इस दौरान रिजर्व बैंक को सूचनाओं का खुलासा करने का आखिरी मौका दिया ।
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