नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिए कि अब वह हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ के बजाए 5 बूथों की VVPAT पर्चियों की औचक जांच करेगा । कोर्ट ने कहा कि वह वोटरों के विश्वास और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए वीवीपैट पर्चियों की जांच वाले नमूने 1 बूथ के बजाए 5 बूथों पर बढ़ा रहा है । इस दौरान कोर्ट ने 21 विपक्षी पार्टियों की बूथों पर 50 प्रतिशत VVPAT पर्चियों का मिलान EVM से करने संबंधी मांग को खारिज कर दिया है कोर्ट ने इस अव्यवहारिक माना ।
विदित हो कि इस बार विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए बूथों पर 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम मशीन से करने की मांग की थी । कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चुनाव आयोग विधानसभा क्षेत्र में अब एक के बजाए पांच बूथों पर वीवीपैट की औचक जांच करेगा । इससे पहले कोर्ट ने विपक्षी दलों की मांग पर कहा कि सत्यापन के आकार में किसी भी तरह की वृद्धि से विश्वास स्तर पर बहुत ही मामूली फर्क पड़ेगा। विश्वास का वर्तमान स्तर 99.9936 प्रतिशत से अधिक है।
बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने 50 फीसदी VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान की मांग को अव्यवहारिक करार देते हुए कहा था अभी हर विधानसभा क्षेत्र के किसी एक बूथ में VVPAT-EVM मिलान की व्यवस्था सही है । इसमें अब तक कोई कमी नहीं पाई गई । इतना ही नहीं याचिकाकर्ता भी कमी नहीं बता पा रहे। आयोग का कहना था कि वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएण से करने के चलते चुनाव परिणाम भी लेट होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रक्रिया में 6 से 9 दिन का वक्त लग सकता है।