नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता कमलनाथ और सचिन पायलट को सुप्रीम कोर्ट ने एक झटका दिया है। दोनों नेताओं ने चुनाव आयोग को मतदाता सूची का मसौदा टेक्स्ट फॉर्मेट में उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग की थी। इसके साथ ही दोनांे नेताओं ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वीवीपीएटी मशीनों की औचक जांच करने और टेक्स्ट रूप में मतदाता सूची मुहैया कराने की मांग की थी। गौर करने वाली बात है कि न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने इस मामले में 8 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की है।
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई के लिए कांग्रेस और चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वकीलों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। कांग्रेस नेता कमलनाथ की ओर से दाखिल की गई अर्जी में कहा गया था कि पीडीएफ रूप की बजाय नियमों के मुताबिक टेक्स्ट रूप में मतदाता सूची प्रकाशित करने के निर्देश जारी किए जाने चाहिए और उन्हें अंतिम रूप से प्रकाशित करने से पहले सभी शिकायतों पर तेजी से फैसले लिए जाने चाहिए।
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यहां बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा था कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह हर चुनाव क्षेत्र में 10 फीसदी मतदान केंद्रों में ईवीएम में डाले गए वोटों का मिलान वीवीपीएटी पर्चियों से औचक तौर पर किया जाना चाहिए।