नई दिल्ली। दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर नकेल कसने संबंधी मामलों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है और कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को दागी अपराधियों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालने को कहा है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सिर्फ चार्जशीट के आधार पर दागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने इसके लिए संसद मंे कानून बनाने के भी निर्देश दिए हैं। बता दें कि कोर्ट में पेश किए गए मामलों में से एक मामला राजनीति को अपराध मुक्त रखने से संबंधित है और दूसरा सांसदों और विधायकों को वकालत करने पर रोक लगाने से संबंधित है।
गौरतलब है कि पहले मामले में 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने उस याचिका पर अपना फैसला सुनाया जिसमें आपराधिक मामलों में आरोप तय होने व 5 वर्ष की सजा के प्रावधान वाले मामले में लोगों पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई जाए। गौर करने वाली बात है कि यह याचिका पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन सहित अन्य की ओर से दायर की गई है।
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वहीं दूसरे मामले में सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय पीठ यह तय करेगी कि सांसद व विधायक बतौर वकील अदालत में प्रैक्टिस कर सकते हैं या नहीं। फिलहाल उनके प्रैक्टिस करने पर कोई रोक नहीं है। भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सांसद व विधायक के वकालत करने पर रोक की गुहार लगाई थी।