नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विपक्षी दलों की उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है , जिसमें उन्होंने 25 फीसदी VVPAT का मिलान EVM से करने की मांग की थी । सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करने के साथ ही कहा कि आखिर एक ही मामले को बार बार क्यों सुना जाए । कोर्ट में वीवीपैट का मिलान ईवीएम से करने संबंधी पुनर्विचार याचिका को दाखिल करते हुए कांग्रेसी नेता और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंधवी ने याचिका में कहा था कि कोर्ट व्यवस्था दे कि 50 फीसदी नहीं तो कम से कम 25 फीसदी VVPAT का मिलान ईवीएम से किया जाएगा । इस याचिका को लेकर चंद्रबाबू नायडू , डी राजा और फारुख अब्दुल्ला कोर्ट में मौजूद थे ।
विदित हो कि लोकसभा चुनावों में ईवीएण कऔर वीवीपैट पर्चियों का मिलान को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 21 दलों की उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कांग्रेस - टीडीपी समेत 21 दलों ने मांग की थी कि अगर कोर्ट 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से नहीं करवाना चाहता तो वह चुनाव आयोग को आदेश दे कि वह 25 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान ही EVM से करे ।
इस याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साफ कहा कि वह बार-बार इस मामले को क्यों सुनें। उन्होंने साफ किया कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं ।
बता दें कि पिछले महीने ही शीर्ष अदालत ने अपने एक फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने को कहा था । आयोग ने इसे माल लिया है ।