नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक फैसले में आदेश दिया कि जम्मू कश्मीर के कार्यकारी डीजीपी दिलबाग सिंह अपने पद पर बने रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) योग्य अधिकारियों की लिस्ट भेजे और उनमें से सरकार नया डीजीपी चुने। एसपी वैद को हटाने के बाद नई नियुक्ति नहीं हुई है। हालांकि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूर्व में जल्द नियुक्ति को जरूरी करार देते हुए यूपीएससी से लिस्ट लेने के नियम में छूट मांगी थी। असल में सुप्रीम कोर्ट , 2006 में पुलिस सुधार को लेकर दिए गए आदेशों को लागू न करने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को आदेश दिया था कि वे कहीं भी एक्टिंग डीजीपी नियुक्त नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा था कि ये कदम उठाना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।
राज्य सरकार के कानून पर रोक
बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया था कि पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति के लिए अगर राज्य सरकार ने अपने यहां किसी भी तरह का कोई कानून बनाया हुआ है तो उस पर रोक होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकारें डीजीपी या पुलिस कमिश्नर पद पर आसीन अधिकारी के रिटायरमेंट से तीन महीने पहले दावेदार पुलिस अधिकारियों के नाम यूपीएससी के पास भेजें। इन नामों में से 3 सबसे उपयुक्त अधिकारियों की लिस्ट यूपीएससी बनाएगी। इनमें से किसी भी एक को डीजीपी चुनने के लिए राज्य सरकार स्वतंत्र रहेगी।
केंद्र शासित प्रदेशों में अड़ंगा
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की याचिका पर 2006 में पुलिस सुधार को लेकर आदेश दिए थे । सुप्रीम कोर्ट के अनुसार , डीजीपी का कार्यकाल कम से कम 2 साल होगा । अवमानना याचिका में आरोप है कि साल 2006 में पुलिस सुधार पर दिए गए अदालतके आदेश को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक लागू नहीं किया । अब कोर्ट में दायर की गई याचिका में इन केंद्र शासित राज्यों में भी नियमों को लागू करवाने की मांग की गई है।