नई दिल्ली। भारत के नौजवानों ने दुनिया भर में अपने हुनर के बल पर देश का परचम लहराया है पर क्या आपने किसी ऐसे हिन्दुस्तानी के बारे में सुना है जिसने अपना अलग देश बनाया है। अगर नहीं तो आज हम उसके बारे में बता रहे हैं। जी हां, मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले सुयश दीक्षित ने सूडान और मिश्र के बीच खाली पड़ी जमीन को अपना देश 'किंगडम आॅफ दीक्षित’ घोषित कर दिया है और अपने पिता को वहां का राष्ट्रपति और खुद को राजा कहा है। सुयश ने संयुक्त राष्ट्र से इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग भी की है।
साॅफ्टवेयर कंपनी में सीईओ
गौरतलब है कि सुयश दीक्षित ने इंदौर के गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की है। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे गूगल डेवलपर्स ग्रुप इंदौर के कम्यूनिटी लीडर भी रहे। बता दें कि सुयश ने जोमोटो एवं माइक्रोसॉफ्ट के साथ भी काम किया और वर्तमान में वे सॉफ्टीनेटर कंपनी के सीईओ हैं। यहां बता दें कि सुयश ने जिस जमीन पर अपना कब्जा जमाया है वह पूरा रेगिस्तानी इलाका है, जो मिस्त्र और सूडान की दक्षिणी सीमा से लगा हुआ है। सूडान और मिश्र के बीच 800 वर्गमील का क्षेत्र है जिसे दोनों देश एक-दूसरे का मानकर छोड़ा हुआ है।
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खाली पड़े क्षेत्र पर दावा
आपको बता दें कि सुयश दीक्षित ने इस खाली पड़ी जमीन पर अपना झंडा लगाकर उसे ‘किंगडम ऑफ दीक्षित’ घोषित कर दिया है। उन्होंने खुद को इस गैर दावाग्रस्त इलाके का राजा बताते हुए संयुक्त राष्ट्र से उनके नए देश को मान्यता देने की मांग की है। इतना ही नहीं सुयश ने एक वेबसाइट बनाकर लोगों से इस देश की नागरिकता के लेने का आवदेन करने की भी अपील की है। सुयश दीक्षित द्वारा अपने फेसबुक पर पहली बार इस क्षेत्र पर अपना दावा करते हुए तस्वीर डाली तो पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था। तस्वीर के साथ उन्होंने लोगों से एक कहानी भी शेयर की जिसमें उसने बताया कि वह करीब 319 किमी का सफर कर यहां तक पहुंचे हैं, जिस समय वे यहां पहंुचे यहां कोई सड़क नहीं थी। यहां आकर उन्होंने यहां पौधा लगाया और अब दावा कर रहे हैं कि यह जमीन उनकी है।
पिता को बनाया प्रमुख
यहां गौर करने वाल बात है कि सुयश ने अपने देश की https://kingdomofdixit.gov.best/ नाम से एक वेबसाइट भी बनाई है, जिस पर इस नए देश की नागरिकता के लिए लोग रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यही नहीं उसने अपने पिता को इस देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सैन्य प्रमुख बना दिया जबकि खुद को वहां का राजा सुयश दीक्षित प्रथम घोषित कर दिया। अब देखना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ इसे मान्यता देता है या नहीं।