कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस से अलग होने की घोषणा की है। पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रॉय ने कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया और घोषणा की कि वे राज्यसभा और दुर्गा पूज के बाद प्राथमिक सदस्यता छोड़ देंगे। उन्होंने कहा- मैं उन लोगों में से हूं, जिन लोगों ने 17 दिसंबर 1997 को तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था। लेकिन आज भारी दिल से मैंने खुद को पार्टी से अलग करने का फैसला किया है। मैं दुर्गा पूजा के बाद के कारण बताऊंगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि वह भाजपा में भी शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह अपनी अलग पार्टी का गठन करेंगे।
एक पत्रकार वार्ता में सांसद मुकुल रॉय ने कहा- अब मैं राज्यसभा के एक सांसद के अलावा केवल एक कार्यकारिणी सदस्य हूं। मैंने आज सुबह एक ई-मेल भेजा है जिसमें मैंने पद छोड़ने के अपने फैसले के बारे में सूचित कर दिया है। पूजा के तुरंत बाद मैं राज्यसभा से इस्तीफा दूंगा। रॉय ने साथ ही कहा कि राज्यसभा में मेरा कार्यकाल अभी आठ महीने शेष हैं। बाद में मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ूंगा।
बताया जा रहा है कि रॉय का यह इस्तीफा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके बीच बढ़ती दरारों के चलते आया है। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले रॉय का पार्टी छोड़ना तृणमूल के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। अपना फैसला लेने पर उन्होंने कहा कि पूरे बंगाल में अभी पूजा का समय चल रहा है। कोई भी छोटी राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखता, इसलिए मैं पूजा के बाद समझाऊंगा कि मैंने यह फैसला क्यों लिया और मेरी आगे की क्या योजना है।
बता दें कि ममता बनर्जी के बाद मुकुल रॉय (63) की पार्टी में हैसियत नंबर 2 नेता की है। उनकी उपयोगिता इस तथ्य से उपजी है कि वे बंगाल में और इसके आगे के संगठन के विस्तार और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे।