नई दिल्ली। तमिलनाडु के तूतीकोरीन में चल रही वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट इंडस्ट्री को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) ने तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। गुरुवार की सुबह से ही इंडस्ट्री की बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई। बोर्ड का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी वहां उत्पादन का कार्य किया जा रहा था। बता दें कि इससे पहले कंपनी द्वारा फैल रहे प्रदूषण का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने की वजह से इसे बंद करने की मांग की जा रही थी। मंगलवार को इस सिलसिले में हुए प्रदर्शन में दर्जन भर से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा घायल हो गए थे। सरकार ने इन तीन जिलों में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के नोडल अधिकारियों को बुधवार से 27 मई तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। तमिलनाडु सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिए थे।
गौरतलब है कि टीएनपीसीबी ने बुधवार को ही प्लांट को बंद करने के आदेश दिए थे लेकिन इकाई में उत्पादन फिर से शुरू होने की खबर के बाद वहां की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। यहां बता दें कि वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट काॅपर इंडस्ट्री को बंद करने को लेकर मंगलवार को हुई हिंसक झड़प में कई लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा घायल हो गए थे। बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने तूतीकोरिन हिंसा की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरूणा जगदीशन की अगुवाई में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। वह सरकार को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। हालांकि रिपोर्ट सौंपने के लिए समयसीमा का उल्लेख नहीं किया गया है।
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यहां बता दें कि तूतीकोरीन में फैली हिंसा के बाद वहां के एसपी और डीएम का तबादला कर दिया गया है। गौर करने वाली बात है कि मद्रास हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक हिंसा में मारे गए लोगों के शवों को संरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।