जयपुरः अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट मामले में बुधवार को दोषी पाए गए देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। जयपुर की एक विशेष अदालसत ने इस मामले में सज सुनाई है। विशेष अदालत ने अजमेर ब्लास्ट मामले में देवेंद्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को दोषी करार दिया था। इनमें सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। देवेंद्र पर 10 हजार और भावेश पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद को अरेस्ट किया गया था, लेकिन विशेष अदालत ने उन्हें दोषी नहीं माना। उन्हें पिछले दिनों ही संदेह का लाभ देते हुए विशेष अदालत ने बरी कर दिया था।
2007 का है मामला
मामला 2007 का है जब 11 अक्टूबर को अजमेर की सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के परिसर में बम विस्फोट किया गया था। यह विस्फोट आहता—ए—नूर पेड़ के पास हुआ था और इसमें तीन जायरीन मारे गए थे। पंद्रह जायरीन घायल हुए थे। पुलिस को तलाशी के दौरान एक लावारिस बैग मिला था, जिसमे टाइमर डिवाइस लगा जिंदा बम रखा था। इसी मामले की प़ड़ताल के बाद स्वामी असीमानंद, भावेश, देवेंद्र, सतीश व अन्य को आरोपी बनाया गया था। इनके खिलाफ लंबी जांच चली। स्वामी असीमानंद को करीब 10 साल जेल में बिताने पड़े।
3 आरोपी अब भी हैं फरार
मामले में आरोपी बनाए गए संदीप डांगे, रामजी कलसांगरा और सुरेश नायर फरार चल रहे हैं। एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है। एक आरोपी चन्द्र शेखर लेवे जमानत पर है। अब इस मामले में देवेंद्र और भावेश उम्र कैद की सजा काटेंगे। दोनों पर पहले ही 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। एनआईए ने तेरह आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था।