नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की मूल स्कूल में तैनात करने की मांग काफी समय से लंबित थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के शिक्षामित्रों के हक में बड़ा फैसला लिया है। सीएम के इस निर्णय से 1.37 लाख शिक्षकों को लाभ होगा। प्रदेश सरकार ने मौजूदा तैनाती वाले स्कूल की जगह शिक्षामित्रों को मूल स्कूल में भेजने का निर्णय लिया है। शिक्षामित्रों को राहत देते हुए सरकार ने मूल स्कूल में तैनात करने विकल्प देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय के बाद शिक्षामित्रों के पास ये विकल्प होगा कि वे मौजूदा स्कूल में कार्य करते रहे या फिर अपने घर के नजदीक मूल तैनाती वाले स्कूल में लौटकर कार्य करें। इस निर्णय के बाद विवाहित महिला उस स्थान के स्कूल का चयन कर सकती हैं जहां उनके पति का घर यानी ससुराल है। पति के नौकरी के स्थिति में तैनाती वाले स्थान में स्थित स्कूल में नौकरी कर सकती हैं। घर और परिवार के नजदीक तैनाती होने से शिक्षामित्रो को आवागमन में खर्च नहीं करना पड़ेगा। जिससे उनकी बचत होगी। सरकार को भी शिक्षामित्रो के बंक मारने और ठीक से नहीं पढ़ाने की प्रवृति से मुक्ति मिलेगी।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की ओर से समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्रों द्वारा मूल तैनाती वाले स्कूल वापस भेजने की मांग की जा रही थी। हाल में आश्वासन समिति की बैठक ने कई विधायकों ने इस मुद््दे को उठाया। इसके बाद अवर मुख्य सचिव ने इससे जुड़ा प्रस्ताव मुख्यमंत्री के परास भेजा, जिसपरं मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी।