जयपुर । फिल्म पद्मावति को लेकर विरोध और विवाद दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। यूपी और मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी 'पद्मावती' फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने खुद इस संबंध में कहा कि उन्होंने फिल्म में बदलाव संबंधी सुझाव केंद्र को दिए हैं। जब तक उनको अमलीजामा नहीं पहनाया जाएगा तब तक इस फिल्म का प्रदर्शन राजस्थान में नहीं होगा। पिछले दिनों वसुंधरा राजे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि 'पद्मावती' फिल्म तब तक रिलीज न हो जब तक इसमें आवश्यक बदलाव नहीं हो जाएं।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकारों ने पहले ही इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। यहां तक की मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कह दिया कि जब इस मामले में धमकी देने वालों पर कार्रवाई की जा रही है तो करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत करने वाले फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो। हालांकि इससे पहले सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य राज्य में फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दे चुके हैं।
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बहरहाल, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अब आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक फिल्म से सभी विवादित तथ्य नहीं हटा दिए जाते, तब तक राजस्थान में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा। इससे पहले सीएम ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस संबंध में सेंसर बोर्ड को भी फिल्म प्रमाणित करने से पहले इसके सभी संभावित नतीजों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया था कि प्रसिद्ध इतिहासकारों, फिल्मी हस्तियों और पीड़ित समुदाय के सदस्यों की एक समिति गठित की जाए जो इस फिल्म तथा इसकी कथानक पर विस्तार से विचार-विमर्श करे।
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हालांकि मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म 'पद्मावती' के संबंध में घोषणा की कि यदि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर चित्तौड़ की महारानी (रानी पद्मावती) के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गये तो उस फिल्म को मध्य प्रदेश में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।