नई दिल्ली । राम मंदिर निर्माण मामले में मध्यस्ता के लिए आगे आए आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर बुधवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इस मामले के कुछ अन्य पक्षकारों से मिले। हालांकि उनकी मध्यस्ता पर जहां कुछ मुस्लिम संगठनों ने सवाल उठाए हैं वहीं कुछ हिंदू संगठनों ने भी उनकी मध्यस्ता को लेकर अपना पक्ष रखा। इस सब के बीच अयोध्या आंदोलन से जुड़े रहे भाजपा के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने श्रीश्री की इस मध्यस्ता पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा कि रविशंकर कौन होते हैं, फैसला करने वाले। जेल गए हम, लाठियां खाई हमने और अचानक से श्रीश्री रविशंकर आ गए। रविशंकर तब कहां थे जब हम संघर्ष कर रहे थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मामले में दो पक्षों से इस मामले को सुलझाने के लिए कहा है। इसके बाद से हिंदू और मुस्लिम दोनों की समुदाय के लोग अपना पक्ष रखते हुए राम मंदिर निर्माण को लेकर अपनी बातें कह रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं। इस दौरान आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के इस मामले में मध्यस्ता करने की बात उठी, और श्री श्री अपनी इस मुहिम में जुट भी गए। बुधवार को वह लखनऊ में सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। दोनों के बीच करीब 30 मिनट तक इस मुद्दे पर बात हुई। इसी क्रम में उनका दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, शिव सेना, हिंदू महासभा के अलावा विनय कटियार से भी मुलाकात का भी कार्यक्रम रहा।
इस सब पर भाजपा के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा तो ठीक है, वरना किसी भी कीमत पर मस्जिद नहीं बनने देंगे। राम मंदिर के लिए चाहे जितना बालिदान देना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे। चाहे इसकी कीमत जान देकर ही क्यों न चुकानी पड़े।