नई दिल्ली। पूरे भारत में भाजपा आज के दिन को काला दिवस के रुप में मनी रही है। तो इस पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कहना है कि आपातकाल देश के इतिहास का हिस्सा है और इसे किसी भी रुप में झुठलाया नहीं जा सकता। नई पीढ़ी को आपातकाल की जानकारी देने के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। उनका कहना है कि कोई भी किसी के विचारों से असहमत हो सकता है पर इसके बाद भी हमे एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि देश में कोई भी व्यक्ति जो किसी की स्वतंत्रता का हनन करता है। उसे खुद को भारतीय कहने का कोई हक नहीं है। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने प्रसार भारती के चेयरमैन ए. सूर्य प्रकाश की किताब ‘इमरजेंसी’इंडियन डेमोक्रेसीज डार्केस्ट अवर’ के हिंदी, कन्नड़, तेलुगु और गुजराती संस्करण का विमोचन भी किया।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी समझदार सरकार दोबारा आपातकाल लागू नहीं करेगी। साथ ही उन्होंनें स्वतंत्रता पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता कुछ गुमराह लोगों की वजह से खतरे में है। लव जिहाद और गौ रक्षा के नाम पर देश में असहिष्णुता फैलाने वालों को जो दूसरे नागरिक की स्वतंत्रता का हनन करें। उसे भारत का नागरिक नहीं कहा जाएगा।
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इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने देश के युवाओं को गौरक्षा और धर्म के नाम पर होने वाली असहिष्णुता को लेकर सतर्क रहने को कहा है। उनका कहना है कि कोई व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता का पूरा आंनद तभी ले सकता है जब वह दूसरे व्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करें।