नई दिल्ली। अगर आप शादीशुदा हैं और पत्नी के साथ कुछ मतभेद हैं तो सुलझा लें। कोर्ट ने बीमा की रकम को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि शादी शुदा व्यक्ति की मौत के बाद नॉमिनी न होने पर भी पत्नी और बच्चे बीमा रकम पाने के पहले अधिकारी होंगे। कोर्ट ने कहा कि बीमा रकम का भुगतान करते समय बीमा कंपनियों को मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी की भी जांच करनी चाहिए।
गौरतलब है कि कोर्ट ने बीमा की रकम में पिता क हिस्से को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। कोर्ट ने बीमा की रकम का आधा हिस्सा मृतक की मां और आधा उनकी पत्नी को देने के आदेश दिया है।
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यहां बता दें कि गायत्री नाम की महिला ने अपने पति की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद बीमा की रकम नहीं मिलने पर पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने पिता को बीमा की रकम का आधा हिस्सा अपनी बहू को देने का आदेश दिया है। साथ ही गायत्री द्वारा याचिका दाखिल करने से लेकर रकम के भुगतान के बीच के समय का 5 फीसदी साधारण ब्याज भी चुकता करने के आदेश भी दिए हैं। यहां गौर करने वाली बात है कि एलआईसी में उनके माता-पिता को नाॅमिनी बनाया गया था इस वजह से कंपनी ने पत्नी को बीमा की रकम देने से इंकार कर दिया था।