नई दिल्ली । तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र की मोदी सरकार के लिए एक खुशखबरी आई है। ये खुशखबरी आई है विश्व आर्थिक मंच से। असल में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं की अपनी 2018 की सूची में भारत को 58वां स्थान दिया है। मोदी सरकार के लिए यह खबर इसलिए अच्छी कही जा सकती है क्योंकि पिछले साल की तुलना में भारत ने पांच पायदान की छलांग लगाई है। इस सूची में पहला स्थान अमेरिका को मिली है। इस सूची में चुनावों से पहले आने का लाभ मोदी सरकार हर स्तर पर उठाएगी।
G-20 देशों में भारत की वृद्धि सबसे ज्यादा
असल में आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत की इस सूची में छलांग कई मायनों में सरकार के लिए एक अच्छी खबर है। अगर बात जी-20 देशों की करें तो पिछले साल के मुकाबले भारत की स्थिति में सबसे ज्यादा सुधार हुआ है। WEF की ओर से जारी 140 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर सिंगापुर और तीसरे स्थान पर जर्मनी हैं। जबकि भारत 62 अंकों के साथ 58वें स्थान पर है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का कहना है कि G-20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा लाभ भारत को मिला है।
चीन 28वें स्थान पर
वहीं इस सूची में चीन को 28वां स्थान प्राप्त हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, ऊपरी और निम्न मध्य आय वर्ग’ में अच्छा प्रदर्शन करने वाले चीन और भारत जैसे देश उच्च-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के करीब पहुंच रहे हैं और उनमें से कई को पीछे भी छोड़ रहे हैं।
सबसे आधुनिक ढांचागत सुविधाएं श्रीलंका के पास
भारत अभी भी दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बना हुआ है। हालांकि श्रीलंका स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भारत को पछाड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दोनों (भारत और श्रीलंका) देश ऐसे हैं जो अपने प्रभावी ढांचागत प्रणाली पर भरोसा कर सकते हैं। भारत ने परिवहन संबंधी ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं में ज्यादा निवेश किया है जबकि श्रीलंका के पास सबसे आधुनिक ढांचागत सुविधाएं मौजूद हैं।