लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध शराब बनाने के धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ा फैसला लिया है। सूबे में जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने का निर्णय लिया है। जहरीली शराब से मौत पर ऐसी कड़ी सजा का प्रावधान करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। सरकार ने इसके लिए आबकारी एक्ट में नई धारा जोड़ी है। इस धारा के अनुसार, जहरीली शराब से होने वाली मौत या स्थाई अपंगता पर दोषियों को आजीवन कारावास,10 लाख का जुर्माना या फिर दोनों सजा एक साथ मिल सकती हैं। इतना ही नहीं इस धारा में मृत्यदंड दिए जाने का भी प्रावधान रखा गया है। जबकि अभी तक अवैध शराब पीने से मौत होने पर दोषियों को सिर्फ मामूली जुर्माना का प्रावधान था। यह जुर्माना भी 500 से 2000 रुपये तक का होता था।
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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आबकारी एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दी गई। सरकार ने इसके लिए आबकारी एक्ट में नई धारा जोड़ी है। असल में आबकारी अधिनियम 1910 का बना हुआ है, जिसमें सरकार ने 24 से ज्यादा धाराएं बदली हैं। इसमें जहां आबकारी अफसरों के अधिकार बढ़ाए गए हैं, वहीं इसमें आरोपियों की गिरफ्तारी, निरुद्ध बरामदगी, सर्च वारंट, जमानत और गैर जमानती वारंट धाराओं में भी संशोधन किए गए हैं।
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इस पूरे मामले पर आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि जहां एक ओर अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के दोषी पाए जाने पर उनके लिए आबकारी एक्ट में नई धाराएं जोड़ते हुए उनके खिलाफ शिकंजा कसा गया है, इसी प्रकार इस गोरखधंधे में लिप्त कारोबारियों पर अंकुश लगाने के लिए व्यवस्था बनाई गई है। अब ऐसे लोगों को मदद करने वाले या उनके साथ मिलिभगत में पाए जाने वाले आबकारी अफसरों पर भी निलंबन या बर्खास्तगी की गाज गिरेगी।